विधायक कोठारी ने 'कलाल' उपजातियों को केंद्रीय ओ बी सी सूची में शामिल करने की मांग की

भीलवाड़ा । भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में 'कलाल (टाक)' जाति की छूटी हुई उपजातियों को शामिल कराने के लिए राजस्थान सरकार से आग्रह किया है। उन्होंने इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत को एक पत्र लिखकर बताया कि उपजातियों के शामिल न होने से कई युवाओं को केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

विधायक कोठारी ने अपने पत्र में बताया कि राजस्थान राज्य की ओबीसी सूची के क्रम संख्या 32 पर कलाल जाति के साथ इसकी कई उपजातियाँ जैसे कलाल (मेवाड़ा), कलाल (सुवालका), कलाल (अहलुवालिया), कलाल (पटेल) और कलाल (जायसवाल) दर्ज हैं, और इन्हें राज्य में ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं।

लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी ओबीसी सूची में क्रम संख्या 25 पर केवल कलाल (टाक) जाति को ही सूचीबद्ध किया गया है। जिससे युवाओं को परेशानी हो रही है ।

विधायक कोठारी ने भीलवाड़ा के एक मामले का हवाला दिया जिसमें पीयूष जायसवाल पिता अनिल जायसवाल को केंद्रीय सूची के अनुरूप ओबीसी प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट कार्यालय ने पत्र जारी कर सूचित किया कि राज्य सूची अनुसार कलाल (जायसवाल) का अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र जारी किया गया है किंतु केंद्र की सूची में कलाल (जायसवाल) नहीं होने से प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता है।

इस प्रकार मूल कलाल जाति की उपजातियां होने के बावजूद इन युवाओं को शैक्षणिक और नौकरी संबंधी केंद्रीय आरक्षण लाभों से वंचित होना पड़ रहा है।

विधायक अशोक कोठारी ने मंत्री अविनाश गहलोत से आग्रह किया कि

राज्य की ओबीसी सूची में मूल कलाल जाति के साथ जो उपजातियाँ (मेवाड़ा, सुवालका, अहलुवालिया, पटेल, जायसवाल) दर्शाई गई हैं, वे मूल कलाल जाति की ही उपजातियाँ हैं । कलाल जाति की सभी उपजातियों को केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में भी सम्मिलित कराने हेतु राज्य सरकार केंद्र से आवश्यक पैरवी करे।

जिससे राजस्थान में इन उपजातियों से संबंधित युवाओं और विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के आरक्षण का लाभ मिल सके।

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