धार्मिक स्थलों पर अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण कर रहे लाउडस्पीकरों की गाइड लाइन की पालना करने की विधायक कोठारी ने उठाई मांग

भीलवाड़ा। शहर विधायक अशोक कोठारी ने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की तेज आवाज को गाइड लाइन की पालना करते हुए नियंत्रित किए जाने की मांग को विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया। कोठारी ने कहा कि वर्तमान में लाउडस्पीकरों की तेज आवाज तय मानकों से अधिक रहने से आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को काफी असुविधा होती है और विशेषकर नवजात शिशुओं, विद्यार्थियों, गर्भवती महिलाओं, मरीजो और बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए उत्तर प्रदेश व अन्य सरकारो द्वारा धार्मिक स्थलों पर लगे हुए ऐसे लाउडस्पीकरों जो तय मानकों से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न कर रहे थे, उनको गाइड लाइन की पालना करते हुए हटाया गया। राजस्थान सरकार को भी इसी प्रकार तय मानकों से ज्यादा तेज आवाज कर रहे लाउडस्पीकरों को लेकर दिशा निर्देश जारी करने चाहिए और अवमानना पर पर उत्तर प्रदेश व अन्य सरकारो की तर्ज पर ऐसे लाउडस्पीकर को हटाने चाहिए। विदित रहे कि अभी विद्यार्थियों के CBSE और RBSE की परीक्षाएँ चल रही हैं एवं लाउडस्पीकरों की तेज ध्वनि के कारण विद्यार्थियों को पढ़ने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) एवं अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को बेहतर वातावरण में शांतिपूर्ण जीवन जीने का मौलिक अधिकार है, इसको मद्देनजर रखते हुए माननीय न्यायालयों द्वारा भी जनहित में निर्णय पारित किये गये हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई 2005 को ध्वनि प्रदूषण पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि देश के हर व्यक्ति को शांति से रहने का आधिकार है, जो उसके जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा है, माननीय कोर्ट ने उस समय साफ किया था कि लाउडस्पीकर या अन्य तेज आवाज का होना किसी के जीवन के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकता। कोर्ट ने अपने फैसले में सार्वजनिक स्थल पर लाउडस्पीकर के आवाज का पैमाना तय किया था। कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज उस क्षेत्र के लिए तय शोर के मानकों से 10 डेसिबल (ए) से ज्यादा नहीं होगी या फिर 75 डेसिबल (ए) से ज्यादा नहीं होगी। इसी के साथ माननीय कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि, जहां भी तय मानकों का उल्लंघन हो, वहां सरकारे लाउडस्पीकर को हटवाकर या जब्त कर जनता को राहत प्रदान करें।

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