यूरिया संकट पर विधायक कोठारी ने कृषि मंत्री को लिखा पत्र

यूरिया संकट पर विधायक कोठारी ने कृषि मंत्री को लिखा पत्र
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भीलवाड़ा । प्रदेश में पिछले छह माह से गहराए यूरिया खाद के संकट और किसानों को हो रही भारी असुविधा को लेकर भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने प्रदेश के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को पत्र लिखकर ठोस कदम उठाने की मांग की है। विधायक कोठारी ने पत्र के माध्यम से खाद वितरण प्रणाली में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए सात महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिसमें खाद की सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजने का प्रस्ताव प्रमुख है।

विधायक कोठारी ने कृषि मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि सहकारी समितियों और विक्रेताओं के पास लंबी कतारों के बावजूद पात्र किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि कम भूमि वाले लोग लाइनों में लगकर खाद ले लेते हैं और बाद में उसे ऊंची दरों पर बेच देते हैं। इससे वास्तविक किसान खाद से वंचित रह जाते हैं और कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है।

विधायक कोठारी ने समाधान के लिए सुझाव दिए,जिनमें खाद की बिक्री को किसान की 'फार्मर आईडी' से जोड़ा जाए, जो मोबाइल और आधार लिंक हो। इससे विक्रेता को पता चल सकेगा कि किसान के पास कितनी भूमि है और उसे पहले कितना खाद मिल चुका है।

जिन किसानों की आईडी बनी हुई है, उन्हें खाद खरीदने में प्राथमिकता दी जाए। इससे अन्य किसान भी आईडी बनवाने के लिए प्रेरित होंगे।

खेतों में अंधाधुंध खाद के उपयोग से जमीन खराब हो रही है और कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। अतः प्रति हेक्टेयर निर्धारित मानक मात्रा के अनुसार ही खाद दिया जाना चाहिए।

जिन किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनी है, उनके लिए विशेष कैंप लगाए जाएं ताकि शत-प्रतिशत किसानों का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध हो सके।

किसान सम्मान निधि का लाभ भी फार्मर आईडी के माध्यम से ही दिया जाना अनिवार्य किया जाए।

जिस तरह गैस सिलेंडर पर सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के खाते में आती है, उसी तरह उर्वरक सब्सिडी भी सीधे किसानों के खाते में भेजी जाए। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और किसान अपनी सुविधा से खाद खरीद सकेगा।

खाद वितरण वाली पोस मशीनों में सॉफ्टवेयर के जरिए ऐसी व्यवस्था हो कि निर्धारित मात्रा से अधिक खाद की बिक्री संभव ही न हो।

विधायक अशोक कोठारी ने आशा व्यक्त की है कि सरकार इन सुझावों पर विचार कर विभागीय दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिससे प्रदेश के अन्नदाता को यूरिया की किल्लत और वितरण की धांधली से स्थाई राहत मिल सकेगी।

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