विधायक कोठारी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मोटे अनाज को अधिकतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग

विधायक कोठारी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मोटे अनाज को अधिकतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की मांग
X

भीलवाड़ा ।भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर राज्य के किसानों के हित में मोटा अनाज (मिलेट्स) मक्का, ज्वार, बाजरा और रागी को तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के दायरे में शामिल करने का अनुरोध किया है।

विधायक कोठारी ने मुख्य मंत्री शर्मा को "किसान पुत्र" बताते हुए किसान सम्मान निधि में 3000 की वृद्धि कर इसे 9000 करने के लिए आभार व्यक्त किया। हालांकि उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि केंद्र सरकार द्वारा 22 फसलों की एमएसपी जारी होने के बावजूद जिनमें मोटा अनाज भी शामिल है, राज्य सरकार द्वारा इसकी खरीद नहीं की जा रही है । वर्तमान में गेहूं को भारतीय खाद्य निगम द्वारा और सरसों, चना, और उड़द को राजफेड के माध्यम से एमएसपी पर खरीदा जा रहा है, लेकिन मक्का, ज्वार और बाजरा एमएसपी में शामिल नहीं हैं।

भीलवाड़ा जिले में इस वर्ष 1.7 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुवाई हुई है और अच्छी वर्षा के कारण पैदावार बम्पर हुई है। वर्तमान में भीलवाड़ा मंडी में प्रतिदिन 5-7 हजार क्विंटल मक्का बिकने आ रहा है।मक्का की फसल पर किसानों को औसतन 1700 रुपये प्रति बीघा की लागत आती है। जबकि मंडी में व्यापारी इसे मात्र 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं। ज्वार और बाजरा भी लगभग 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है।

बम्पर पैदावार के बावजूद एमएसपी न होने के कारण किसान अपनी फसलें मजबूरन घाटे में बेचने को विवश हैं।

उन्होंने बताया की केंद्र सरकार के निर्देशानुसार मोटे अनाज को क्रय करने का अधिकार राज्य सरकार को है। उन्होंने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, और उड़ीसा का उदाहरण दिया, जहां की राज्य सरकारें पहले से ही अपने यहां उत्पादित मोटे अनाज को एमएसपी पर खरीद रही हैं।

विधायक कोठारी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस विषय पर संज्ञान लें और मोटा अनाज (मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी) को तत्काल एमएसपी में शामिल करें।

और इसका समर्थन मूल्य निर्धारित कर सरकारी खरीद के आदेश जारी करें।

इससे राजस्थान के किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा और वे घाटे से बच सकेंगे।

Next Story