मोखुंदा पंचायत: आदर्श का ताज खो चुका, गंदगी और अव्यवस्थाओं में घिरा गाँव

मोखुंदा पंचायत: आदर्श का ताज खो चुका, गंदगी और अव्यवस्थाओं में घिरा गाँव
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मोखुंदा (गोपाल मेघवंशी) – रायपुर उपखंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मोखुंदा, जिसे वर्षों तक “आदर्श पंचायत” के रूप में जाना जाता रहा, आज समस्याओं का गढ़ बन चुकी है। विकास नाम की चीज़ यहाँ केवल फाइलों में दिखाई देती है, जबकि वास्तविक हालात बेहद खराब हैं।

**बस स्टैंड और सफाई की स्थिति:**

मोखुंदा बस स्टैंड से प्रतिदिन 30 से अधिक बसें गुजरती हैं, लेकिन यहां सार्वजनिक शौचालय पूरी तरह अव्यवस्थित हैं। गंदगी इतनी फैली हुई है कि अंदर जाना नामुमकिन है। महिलाओं के लिए यह सुविधा पूरी तरह असुरक्षित है। नालियाँ जाम हैं और सड़क पर बहता गंदा पानी बच्चों और यात्रियों के लिए खतरा बन गया है। पंचायत में 2–3 सफाई कर्मियों को मासिक 21,000 रुपये दिए जा रहे हैं, फिर भी सफाई का काम लगभग ठप है।

**अतिक्रमण और प्रवेश द्वार की बदहाली:**

बस स्टैंड चौराहे की कीमती पंचायत भूमि पर पिछले 5 वर्षों से अतिक्रमण जारी है। ग्रामीणों की कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्य प्रवेश द्वार गंदगी और आवारा जानवरों से भरा हुआ है।

**बिजली और स्ट्रीट लाइट:**

गांव के मुख्य मार्गों और सार्वजनिक स्थानों पर लगी स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद हैं। बिजली बिल का बकाया बढ़ता जा रहा है, जिससे रात में अंधेरा व्याप्त है।

ग्रामीणों ने सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज़ उठाई है। मो. अशरफ रंगरेज ने बताया कि मोखुंदा पंचायत में हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब आवाज़ उठाना ही मजबूरी बन गई है। लोग कहते हैं कि “आदर्श पंचायत नाम की थी, पर काम में आदर्श कहीं दिखाई नहीं देता।”


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