मानसून फिलहाल सुस्त - किसानो के चेहरों पर चिंता की लकीरे, सिचाई करने को मजबूर

मानसून फिलहाल सुस्त - किसानो के चेहरों पर चिंता की लकीरे, सिचाई करने को मजबूर
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भीलवाड़ा हलचल ,प्रदेश में मानसून की शुरुआत में हुई भारी बारिश का दौर अब थमता नजर आ रहा है। अगस्त की शुरुआत से ही प्रदेश में बारिश की गतिविधियां कमजोर पड़ चुकी हैं।बारिस की कमी के चलते अब फसलों पर असर होता और किसानो के चेहरो पर चिता की लकीरे उभरती दिख रही हे वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले 3-4 दिन तक प्रदेश में बारिश की चेतावनी भी नहीं है।

जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार अगले एक सप्ताह तक राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 14 अगस्त के बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली पूर्वी हवाएं सक्रिय होंगी। इसके प्रभाव से 15 अगस्त से पश्चिमी राजस्थान व 16 अगस्त से पूर्वी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कुछ बढ़ोतरी होगी। इस दौरान कोटा व उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।

भीलवाड़ा जिले के कई इलाकों में कई दिनों से बारिस नहीं होने से फसलों को नुक्सानकी संभावना हे पितास के लादूलाल सुथार ने बताया की पानी की कमी से उनकी मक्का की फसल मुरझाने लगी तो उन्होंने सिचाई शुरू कर दी ऐसे ही हालात कई जगह हे k

राजस्थान में पहले दौर मानसून में सामान्य से करीब 90 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। इसके बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आ गई। मानसून सीजन में राजस्थान में औसत वर्षा का स्तर 424.71 एमएम रहता है। अब तक 410.92 एमएम बारिश प्रदेश में हो चुकी है। प्रदेश के बांधों की स्थिति की बात करें तो अब तक 271 छोटे तथा मध्यम बांध पूरी तरह भर चुके हैं। वहीं 23 बड़े बांधों में से 8 बांधों पर चादर चल चुकी है। अब तक सबसे ज्यादा वर्षा बारां जिले में हुई है। यहां एक जून से अब तक 1541 एमएम बारिश हो चुकी है। वहीं सीजन में एक दिन में सर्वाधिक वर्षा चित्तौड़गढ़ के बस्सी में हुई है। यहां एक ही दिन में 320 एमएम बारिश हुई थी।

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