बंरूदनी में नानी बाई मायरा कथा का आयोजन

बंरूदनी में नानी बाई मायरा कथा का आयोजन
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आकोला( रमेश चंद्र डाड) भगवान तो भक्त की भक्ति के वश में होते है। भक्त की रक्षा के लिए भगवान सदैव तत्तपर रहते है। नरसी महता की भगवान के प्रति अटूट आस्था एवं भक्ति के कारण ही भगवान कृष्ण ने उनकी सहायता की।

यह विचार मंगल की रात बरुन्दनी के कुई मन्दिर पर आयोजित नानी बाई को मायरो की संगीतमयी कथा करते हुए कथावाचक जगदीश वैष्णव

मुंगाना ने प्रकट किए ।

उन्होंने कहा कि भगवान तो भावना के भूखे होते है। निर्मल एवं सच्चे मन से स्मरण करने वाले भक्त पर भगवान की असीम कृपा होती है। नरसी महता का समाज और परिवार वालों ने उपहास किया लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नही की । नरसी महता अपनी ही धुन में भगवान के प्रति भक्ति में लगे रहे। नरसी महता की जीवनी प्रेरणादायी है।

वैष्णव ने नरसी महता का भाई बंधो से बैल और बैल गाड़ी मांगने, नगर अंजार के लिए प्रस्थान , राग केदार गा कर भगवान को पुकारने आदि के प्रसंगों की कथा सुनाई ।

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