डीएमएफटी फंड के दुरुपयोग पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सख्त

डीएमएफटी फंड के दुरुपयोग पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सख्त
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भीलवाड़ा में डीएमएफटी फण्ड में लगभग 2 हजार करोड़ रूपया जमा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की मध्य क्षेत्र पीठ भोपाल ने डीएमएफटी फंड के अनुचित उपयोग के मामले में राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति श्यो कुमार सिंह न्यायिक सदस्य व डॉ. अफरोज अहमद विशेषज्ञ सदस्य की पीठ ने राज्य के पर्यावरण सचिव और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव को व्यक्तिगत शपथ-पत्र दाखिल कर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने यह आदेश भीलवाड़ा निवासी पर्यावरणविद बाबूलाल जाजू की अधिवक्ता दीक्षा चतुर्वेदी के मार्फत दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याचिकाकर्ता जाजू ने यह आरोप लगाया गया था कि राजस्थान सरकार द्वारा डीएमएफ फंड का समुचित और नियमानुसार उपयोग नहीं किया गया है, साथ ही जब न्यायालय द्वारा डीएमएफटी फण्ड के खर्च की विस्तृत जानकारी मांगी तो राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई।

एनजीटी ने टिप्पणी की कि राजस्थान सरकार की ओर से जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, उसमें फंड के उपयोग की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। इसलिए संबंधित उच्च अधिकारी चार सप्ताह के भीतर न्यायाधिकरण में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करे जिसमें डीएमएफटी खर्च की सभी मदों की जानकारी हो। मामले में 6 अगस्त 2025 को अगली सुनवाई होगी। जाजू ने बताया कि उनके द्वारा लिखित में अनेक बार जनप्रतिनिधियों एवं भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को डीएमएफटी फंड से पौधारोपण एवं रखरखाव का सुझाव दिया गया था परंतु डीएमएफटी फंड से पौधारोपण के बजाय केवल निर्माण कार्य को ही बढ़ावा दिया गया। जाजू ने आगे बताया कि भीलवाड़ा के जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट फंड में लगभग 2000 करोड़ रुपए की राशि जमा है। उन्होंने इस राशि का उपयोग स्थानीय सिलिकोसिस रोगियों की बेहतरी और खनन से प्रभावित क्षेत्रों के पर्यावरणीय विकास एवं मूलभूत सुविधाओं में करने की आवश्यकता बताई।

जाजू ने जिला कलेक्टर और जन प्रतिनिधियों से स्मृति वन में 30,000 पौधे लगाने, कोठारी नदी पर प्राकृतिक रिवर फ्रन्ट बनाकर नदी के दोनों किनारों पर 2 लाख पौधे लगाने, रिंग रोड पर पौधारोपण करने और उसकी सुरक्षा व्यवस्था को अनुबंध पर देने, भीलवाड़ा की सभी ग्राम पंचायतों में प्रतिवर्ष 10 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण करवाने की भी अनेक बार मांग की थी। जाजू ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा डीएमएफटी फंड का नियमानुसार उपयोग नहीं किए जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर फण्ड का नियमानुसार उपयोग करवाने के लिए याचिका दायर करनी पड़ी।

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