गर्मी से अभी हो रहा है हाल बेहाल,: तीन दिन बाद शुरू होने वाला है नौतपा, 9 दिन आसमान से बरसेगी आग,हो जाओ teyasr

भीलवाड़ा। गर्मी से त्रस्त लोगों को ओर अधिक तपती गर्मी को सहन करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। हर वर्ष की तरह इस बार भी नौ दिन आम जनता पर भारी गुजरने वाले हे तीन दिन बाद। इन नौ दिन में सूर्य भगवान रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं। सूर्य की किरणे धरती पर सीधे (लंबवत) पड़ती हैं। जिस कारण उनका तापमान सर्वाधिक रहता है। इन नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है।
इस वर्ष यह नौतपा की अवधि 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक रहेगी। इस वर्ष मई में अधितकम तापमान 40.6 डिग्री तक पहुंच गया है, जिसके चलते मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार ये नौ दिन भारी गुजरने वाले हैं। उनका कहना है कि अगर इन नौ दिनों से पहले वर्षा नहीं हुई तो नौतपा आग उगलेगा।जिसके चलते लोग पूरे दिन उसम भरी गर्मी से जूझना पड़ेगा।
हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा प्रारंभ हो जाता है। नौतपा के दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं, सूर्य भगवान रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आते हैं। जिसके शुरुआती नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यदि इन नौ दिनों में बारिश न हो और ठंडी हवा न चले तो बरसात अच्छी होती है।
बताया कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है। नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। जिस समय में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होते हैं उस समय चन्द्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं, यही कारण है कि इसे नौतपा कहा जाता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक मौजूद रहेंगे लेकिन शुरुआती 9 दिनों में अधिक गर्मी होती है।
गर्मी को लेकर विष्णु पुराण की भविष्यवाणी
लगातार बढ़ती गर्मी के पीछे विष्णु पुराण में भी कुछ भविष्यवाणी की गई है। विष्णु पुराण के अनुसार, धरती का अंत जल प्रलय से होगा। लेकिन, उससे पहले बढ़ती गर्मी धरती को विनाश की ओर ले जाएगी। विष्णु पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु सूर्य की सतरंगी किरणों में समा जाएंगे तब गर्मी का स्तर अधिक बढ़ जाएगा। लोग बूंद बूंद के लिए तरस जाएंगे और खेत पेड़ सब नष्ट हो जाएगा। लोग बरसात के लिए तरसने लगेंगे। बरसात की एक बूंद के लिए लोग तरस जाएंगे। गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाएगी। इसके बाद इतनी बारिश होगी की फिर जल प्रलय आएगी और धरती का विनाश जल से ही होगा।
नौतपा में क्या करें
नौतपा के दौरान सूर्यदेव के प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। या फिर आप चाहें तो रविवार के दिन इसका पाठ कर सकते हैं।
नौतपा के दिनों में जल का दान जैसा जल के घड़े, लोगों के लिए जल का भंडारा जिसमें आप नींबू पानी छाछ आदि का दान कर सकते हैं।
नौतपा के दौरान उपवास करना चाहिए साथ ही हल्का आहार ही ग्रहण करना चाहिए। रोजाना सुबह जल में चावल रोली मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।
नौतपा में न करें ये भूल
नौतपा के दौरान मांगलिक कार्य जैसे विवाह गृह प्रवेश आदि करने से बचना चाहिए।
साथ ही इस दौरान भूलकर भी मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दौरान ज्यादा लंबी यात्राएं भी नहीं करनी चाहिए।