भीलवाड़ा में नवरात्रि की धूम: सजे पंडालों में कल विराजमान होंगी मां दुर्गा, मुर्तिया खरीदने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
भीलवाड़ा हलचल मां दुर्गा की आराधना को समर्पित नवरात्र पर्व सोमवार से शुरू हो जाएगा। शहर में मातारानी के दरबार सज गए हैं। मां की भव्य मूर्तियां सजाई गई हैं। घरों व मंदिरों में भी नवरात्र की तैयारियां पूरी हो गईं हैं। नौ दिन तक माता रानी के दरबारों में भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण के आयोजन किए जाएंगे।पुर रोड के साथ ही अन्य स्थानों पर माता की मुर्तिया घर और पंडालों में ले जाने के लिए सुबह से शाम तक लोगो की भीड़ लगी रही .कल सांसे माता के जयकारे और गरबा दादिया की गूंजे सुनाए देगी ,
शहर में चावड़ा माता मंदिर, कालिका ,घाटारानी जीण माता मंदिर और दुर्गा मंदिर के साथ ही जिले में भरक ,धनोप ,बंकिया राणी , बाडिया का माताजी , सहित सभी देवी मंदिरों में रविवार को सफाई और सजावट का कार्य चलता रहा। मंदिरों में भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। इसके अलावा शहर के हर गल्ली मोहल्लो में माता के पांडालों में दरबार सजाये गए हे ।
रात्रि जागरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। स्थापना स्थलों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की जा रही है। पं. विक्रम सोनी ने बताया कि सुबह 5.30 बजे से कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। दिनभर श्रद्धालु अपने समय के हिसाब से स्थापना कर सकते हैं।
बाजार में दिख रही रौनक
शारदीय नवरात्र को लेकर बाजारों में काफी रौनक है। चारों तरफ मां की लाल चुनरी व नारियल की दुकानें सजी हुई है। जगह-जगह लोगों ने कलश व दीया की दुकानें भी अस्थाई रूप से लगाई है।पुर रोड और अन्य इलाकों में माता की मुर्तिया सजी हुई थी झा 100 से 15 हजार तक की छोटी मोती प्रतिमाये झूठ से शाम तक घर और पांडालों में ले जाते नजर आये , लोडिंग ाओतो में माता की पटरिमा ले जाते युवा जयकारा ले गाते हुए दिखे ,
रंग-बिरंगी रोशनी और गरबा की धूम
नवरात्र के दौरान शहर का हर कोना रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाएगा। पंडालों और मंदिरों को रंगीन लाइट्स, झालरों और फूलों से सजाया गया है, जो रात में और भी आकर्षक दिखेगा है। नवरात्र की रातें गरबा और डांडिया की धूम से और भी जीवंत हो जाएंगी। विभिन्न पंडालों और सामुदायिक स्थलों पर गरबा आयोजनों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। युवा और बच्चे पारंपरिक परिधानों में सजकर गरबा की थाप पर थिरकते नजर आएंगे। माता के भजनों और गुजराती लोक संगीत की धुनों पर नाचते हुए भक्त मां की भक्ति में लीन होंगे।
शहर के कई पंडालों में रात्रि जागरण के आयोजन भी होंगे, जहां भक्त रातभर माता के भजनों और कीर्तन में डूबे रहेंगे। इन आयोजनों में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहर से आए भजन गायकों की प्रस्तुतियां भी होंगी, जो भक्ति का माहौल और गहरा करेंगी।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
नवरात्र के दौरान मंदिरों और पंडालों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। स्थापना स्थलों और प्रमुख मंदिरों पर पुलिस बल तैनात किया जायेगा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे माता के दर्शन और गरबा आयोजनों में शामिल होने के दौरान नियमों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि भक्तों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
नवरात्र का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की नौ रूपों की आराधना का प्रतीक है। ये नौ दिन शक्ति, भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम हैं। भक्त माता के विभिन्न स्वरूपों—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री—की पूजा करते हैं। प्रत्येक दिन माता के एक रूप को समर्पित होता है, और भक्त व्रत, पूजा और दान के माध्यम से माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
नवरात्र का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी लोगों को एकजुट करता है। गरबा और डांडिया जैसे आयोजन सामुदायिक एकता को बढ़ावा देते हैं, जहां हर वर्ग और उम्र के लोग एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं।
हिंदू संगठनों की सख्ती: गैर हिन्दुओ के प्रवेश पर रोक
इस वर्ष हिंदू संगठनों ने गरबा पंडालों में प्रवेश को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। वीएचपी और बजरंग दल ने गुरुवार शाम को स्थानीय गरबा आयोजकों के साथ बैठक की, जिसमें आधार कार्ड चेकिंग, तिलक लगाना और पहचान सत्यापन जैसे नियम तय किए गए। क्षेत्रीय समन्वयक अखिलेश व्यास ने कहा कि भीलवाड़ा में 'लव जिहाद' की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए केवल हिंदुओं को ही प्रवेश मिलेगा। आयोजकों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा, और गैर-हिंदू पाए जाने पर उन्हें रोका जाएगा।
विभिन्न पंडालों के आयोजकों के साथ पहले ही बैठक हो चुकी है, और वे इन नियमों का पालन करने को तैयार हैं। बजरंग दल के सदस्य पंडालों पर नजर रखेंगे, ताकि कोई असामाजिक तत्व अंदर न घुस सके। यह कदम महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में भी उठाया गया है, जहां वीएचपी ने समान दिशानिर्देश जारी किए हैं। हालांकि, विपक्षी दलों ने इसे सामाजिक विभाजन की साजिश बताया है।
