चिकित्सा संस्थानों पर ली आत्महत्या मुक्त राजस्थान बनाने की शपथ

चिकित्सा संस्थानों पर ली आत्महत्या मुक्त राजस्थान बनाने की शपथ
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भीलवाडा। प्रतिवर्ष लाखों लोग मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत चुनौतियों के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर होते है। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आत्महत्या पर अंकुश लगाने को लेकर जागरूकता बढाने को लेकर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितम्बर को प्रदेश स्तर पर मनाया गया। मंगलवार को आत्महत्या रोकथाम के संबंध में राज्य स्तर से वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम मिशन निदेशक डॉ भारती दीक्षित, डायरेक्टर आईईसी डॉ शाहिन अली व डायरेक्टर आरसीएच सुनीत सिंह राणावत ने आवश्यक दिशा-निर्देश चिकित्सा सेवा से जुडे जिला स्तरीय अधिकारियों को दिये। जिला स्तर से वीसी में सीएमएचओ डॉ चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी, अति सीएमएचओ डॉ रामकेश गुर्जर, डीडीडब्ल्यूएच डॉ अशोक खटवानी, डीपीएम योगेश वैष्णव, डीएएम अरविन्‍द शर्मा सहित डीपीएम यूनिट के अन्य अनुभाग अधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोस्वामी ने बताया कि आत्महत्या रोकथाम के बारे में जागरूकता बढाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। आत्महत्या रोकथाम के लिए हमारी सोच को बदलने की जरूरत है, हमें आत्महत्या से जुडे मिथकों को तोडना होगा, समाज में जागरूकता बढानी होगी और समर्थन के लिए एक ऐसा माहौल तैयार करना होगा, जिससे आत्महत्याओं को रोका जा सके।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मंगलवार को जिले में आत्महत्या के प्रयासों को रोकने एवं आमजन को जागरुक करने के उद्देश्य से समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों में आत्महत्या मुक्त राजस्थान के लिए शपथ ली गयी और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य एवं डिप्रेशन के प्रति जागरुक किया गया। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के मामलों की रोकथाम में मदद के लिए लोगों में जागरूकता बढाना बेहद जरूरी है। आत्महत्या एक बहुत बड़ा कदम होता है, जो व्यक्ति तब लेता है, जब वह पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है। उसे कहीं से कोई भी आशा की किरण नजर नहीं आती। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।

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