बेमौसम बारिश से अफीम किसानों पर दोहरी मार, भीलवाड़ा संभाग में कई किसानों को करनी पड़ी दोबारा बुवाई

सवाईपुर (सांवर वैष्णव)। बेमौसम बारिश ने अफीम किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। भीलवाड़ा डिवीजन के हजारों किसान अफीम की फसल को लेकर इस बार भारी नुकसान झेल रहे हैं। खेत तैयार होने और बुवाई पूरी करने के बाद हुई लगातार बारिश से न केवल फसल खराब हुई, बल्कि कई किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी है।अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने बताया कि इस वर्ष केंद्र सरकार ने अफीम पॉलिसी समय से पूर्व जारी कर दी थी, जिससे किसानों ने समय पर खेत तैयार कर बुवाई शुरू कर दी थी। भीलवाड़ा डिवीजन में लगभग 6000 किसान लायसेंस प्राप्त अफीम उत्पादक हैं, जबकि सीपीएस श्रेणी में करीब 900 किसान आते हैं। लेकिन नवंबर की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश ने अधिकांश किसानों की फसलें चौपट कर दीं।
कई इलाकों में खेतों में पानी भर गया, जिससे बीज सड़ गए और फसल उग नहीं पाई। जिन किसानों ने पहले ही बुवाई कर दी थी, उन्हें अब फिर से बीज डालने पड़े हैं। मांडलगढ़, बिजौलिया और जहाजपुर इलाकों में कई किसान अभी भी खेतों में मौजूद नमी की वजह से बुवाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। वहीं कोटड़ी क्षेत्र में जिन्होंने समय पर फसल बोई थी, उनकी पौध भी पीलिया और जड़ गलन रोग की चपेट में आ गई है।किसानों का कहना है कि यह वर्ष अफीम उत्पादन के लिहाज से बेहद कठिन साबित हो रहा है। दो बार बुवाई करने से बीज, श्रम और लागत तीनों का खर्च बढ़ गया है। बद्रीलाल तेली ने सरकार से मांग की है कि अफीम किसानों को विशेष राहत पैकेज दिया जाए और नुकसान का सर्वे कर उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले दिनों में मौसम अनुकूल नहीं रहा, तो अफीम उत्पादन में इस वर्ष भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे राज्य और केंद्र दोनों के राजस्व पर असर पड़ना तय है।
