प्रोपर्टी डीलर्स एंड ब्रोकर्स एसोसिएशन: पालड़ी बहुउदेशीय योजना को पूरा करने की मांग की, जोनल प्लान का किया विरोध, न्यायालय में जाने की दी चेतावनी
- भूखण्ड लॉटरी गरीबों के साथ धोखा, अमीरों को फायदा
- पत्रकार कॉलोनी पर बना दी देश की सबसे बड़ी सड़क
- यूआईटी भी करें अन्य विभागों की तरह जनसुनवाई
भीलवाड़ा । यूआईटी की पालड़ी बहुउद्ेशीय योजना को जस के तस लागू करने की मांग के साथ ही नगर विकास न्यास द्वारा हाल ही जोनल प्लान ई-2 के नाम से जारी ड्राफ्ट का भीलवाड़ा प्रोपर्टी डीलर्स एंड ब्रोकर्स एसोसिएशन विरोध करते हुए उसे पूरी तरह खारिज करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर इसे नहीं बदला गया तो एसोसिएशन न्यायालय का सहारा लेगा। यही नहीं भूखण्ड लॉटरी पर भी उन्होंने बड़े प्रश्न चिन्ह उठाते हुए इसे गरीब तबके का शोषण करने वाला बताया और कहा कि इससे अमीरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
भूखण्ड आवंटन लॉटरी के नाम पर गरीबों के साथ छलावा
एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में भीलवाड़ा प्रोपर्टी डीलर्स एंड ब्रोकर्स एसोसिएशन के राजकुमार टेलर ने यूआईटी पर आरोप लगाया कि न्यास द्वारा भूखण्ड आवंटन लॉटरी के नाम पर गरीबों के साथ छलावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ही सरकार के बैनर तले अजमेर में नियम अलग है और भीलवाड़ा में न्यास ने अपने नियम बनाए है। आवेदन फार्म के दो हजार रुपए वसूले गए जबकि अजमेर में एक हजार रुपए ही है। कैटेगरी में भी लूट खसोट मचाई गई है। नीचे के तबके के लोगों के आवेदन फार्म में जहां परिवार की आय शामिल की गई और कितने ही फार्म भरने की छूट दी गई परंतु लॉटरी में एक भूखण्ड आवंटन होने पर अन्य आवेदनों की अमानत राशि जब्त करने की बात कही गई है जबकि ऊपरी आय वर्ग के धनाढय लोगों को इसमें राहत देते हुए यह राशि लौटाने की बात कही गई है। न्यास ने यहां भी एक खेला खेला है। ऊपरी कैटेगरी में परिवार की संयुक्त आय शामिल नहीं की गई ।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पति की आय 9 लाख रुपए और पत्नी की आय साढे चार लाख रुपए है तो वह आवेदन नहीं कर पायेगी। जबकि सरकार भी महिलाओं को भूखण्ड और रजिस्ट्री के मामलों में प्राथमिकता देती है लेकिन न्यास ने उन्हें ऐसे मामलों से वंचित कर दिया है। टेलर ने कहा कि वे जनहित में इस मामले को भी न्यायालय में ले जायेंगे। उन्होंने लॉटरी को लेकर भी एक और बड़ा आरोप लगाया कि बिना नियम कायदों के आनन फानन में रिजर्व प्राइज बढाकर लॉटरी निकाली गई। यह भी लोगों के साथ लूट का एक बड़ा कारण है।
मास्टर प्लान में बड़ी छेड़छाड़, जहां बने है ढांचे वहां बता दी ग्रीन बेल्ट
एसोसिएशन के कैलाश कोठारी ने न्यास पर आरोप लगाया कि भीलवाड़ा का मास्टर प्लान बना हुआ है और पालड़ी क्षेत्र में बहुद्देशीय योजना को अब तक मूर्त रूप नहीं दिया गया लेकिन न्यास ने खेला करते हुए ई सेक्टर को दो भागों में बांटते हुए इसका जोनल प्लान ई-2 तैयार किया है। जो कहीं नियम कानून कायदे में सटीक नहीं उतररता है। जयपुर की एक फर्म से नक्शा तैयार करवाकर पहले से बने हुए होटलों, स्कूलों और भवनों को ग्रीन बेल्ट में दर्शा दिया गया है।
स्वीकृत पत्रकार कॉलोनी पर बना दी देश की सबसे बड़ी सड़क, कृषि मण्डी भी चपेट में
यही नहीं न्यास ने इसी में एक और खेल किया है। सरकार द्वारा स्वीकृत की गई गोविंदपुरा में पत्रकार कॉलोनी की जगह देश की सबसे बड़ी बारह सौ फीट की सड़क प्रस्तावित कर दी है। यही नहीं कई गांव के आस पास की भूमि पर बसे मकानों को भी ग्रीन बेल्ट में डाल दिया गया। कृषि उपज मण्डी की न्यास द्वारा आवंटित जमीन को भी न केवल गायब किया गया जबकि उसे भी ग्रीन बेल्ट में शामिल किया गया है । जबकि कृषि मण्डी का काम भी शुरू हो चुका है।
धारा 32 लागू कर किसानों को छला
एसोसिएशन के संरक्षक कैलाश कोठारी ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि यूआईटी ने 2013 में 40 हजार बीघा में बहुद्देशीय योजना बनाई थी। इसमें अधिकांश जमीनें किसानों की थी। तब धारा 32 लागू कर दिया, जिससे किसान अपनी जमीन को केवल खेती के अलावा अन्य कोई उपयोग नहीं ले सकते थे।
नहीं बन पाई चंडीगढ की तर्ज पर हाईटेक सिटी?
चंडीगढ़ की तर्ज पर हाईटेक सिटी बननी थी, लेकिन ये योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई। सवाल ये है कि किस कारण से ये योजना आगे नहीं बढ़ पाई? हमारी तो मांग है कि ये योजना मूर्त रूप ले। यूआईटी ने हाल ही जोनल प्लान ई-2 का ड्राफ्ट जारी किया। इसे जारी करने में मास्टर प्लान में 20 से 25 प्रतिशत छेड़छाड़ की गई, जबकि मास्टरप्लान में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। जोनल प्लान में यूआईटी ने जिन जमीनों के पट्टे जारी कर रखे थे, उस एरिया को भी ग्रीन बेल्ट दर्शा दिया। आश्चर्यजनक ये है कि जोनल प्लान ई-2 का ड्राफ्ट यूआईटी ने एमएनआई जयपुर से बनवाया, पर इस पर चीफ टाउन प्लानर कार्यालय तक की राय नहीं ली गई और आपत्तियां मांग ली गई।
जहां बने है मकान वह भी जोनल प्लान में अब ग्रीन बेल्ट
एसोसिएशन के विधि प्रभारी सुरेश जागेटिया का आरोप है कि आनन-फानन में जोनल प्लान की कार्रवाई की गई। जहां किसान अपने खेत खत्म कर मकान बना रह रहे, वहां भी यूआईटी ग्रीन बेल्ट बता रही।
जोनल प्लान ई-2 के ड्राफ्ट में सरकार की गाइडलाइन की पालना नहीं हुई। यहां तक कि पालड़ी में जहां रिसोर्ट, कॉलेज है, उसे भी ग्रीन बेल्ट में डाल दिया। विधिक सलाहकार राजकुमार टेलर ने आरोप लगाया कि यूआईटी ने ड्राफ्ट में न तो राजस्व ग्राम दर्ज किए, न खसरा नंबर दिखाए। न सर्वे किए और जोनल ई-2 प्लान आपāिायों के लिए जारी कर दिया। ये सारा खेल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। एसोसिएशन ने मांग की कि जोनल प्लान ई-2 के ड्राफ्ट को सुधारा जाए।
न्यास करें जन सुनवाई, बनाएं निगरानी समिति
एसोसिएशन अध्यक्ष जगजीवन (जेजे) जायसवाल ने बताया कि यूआईटी में लोगों की सुनवाई नहीं होती। उन्होंने मांग की कि जिस तरह सभी विभागों में जन सुनवाई हो रही है। कलेक्टर स्वयं जिला स्तरीय जन सुनवाई कर रहे हैं। उसी तरह यूआईटी में भी जन सुनवाई होनी चाहिए। इसमें यूआईटी चेयरमैन, चाहे जनप्रतिनिधि हो या कलेक्टर, वे भी इसमें रहे और जनता की समस्याएं सुनकर समाधान करें।
उन्होंने कहा कि यूआईटी को एक निगरानी समिति भी बनानी चाहिए जो अन्य क्षेत्रों में बनी हुई है जिससे योजना क्षेत्र में बिना स्वीकृति के न जमीन खरीदी जा सकती है और न ही बेची जा सकती है और न ही स्वीकृति के बिना कोई निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुकुरमुत्तों की तरह मास्टर प्लान क्षेत्र में कृषि भूमि की कॉलोनियां प्रकट हो रही है लेकिन उन्हें रोकने में न्यास विफल है। उन्होंने न्यास पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वहां कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने न्यास अध्यक्ष और जिला कलेक्टर पर भी उदासीनता का आरोप लगाया।
मुआवजे के लिए भटक रहे है किसान, कोर्ट के आदेश भी चाट रहे है धूल
एसोसिएशन के विधि सलाहकार राजकुमार टेलर ने आरोप लगाया कि यूआईटी में किसानों को अपनी जमीन अवाप्ति के बदले मुआवजे के लिए भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। राज्य सरकार ने मुआवजे के संबंध में कमेटी भी गठित कर रखी है, लेकिन इसने भी कोई कार्रवाई नहीं की। कई किसानों को तो मुआवजा नहीं मिलने पर कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेशों के बावजूद मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कोर्ट के आदेश दो साल से धूल खा रहे है।
एसोसिएशन के जगदीश चौधरी ने कहा कि न्यास सुनता नहीं है। अगर उनकी मांगों को नहीं मानेगा तो उन्हें न्यायालय का सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस मोके पर एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद थे।
