परिवहन विभाग सख्त: बसों की छतों से लगेज कैरियर हटाने और ओवरलोड वाहनों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश

भीलवाड़ा। जिले सहित पूरे प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए परिवहन विभाग अब पूरी सख्ती के साथ मैदान में उतर आया है। आरटीओ चित्तौड़गढ़ कार्यालय ने निर्देश जारी करते हुए यात्री बसों की छतों पर लगे लगेज कैरियर हटाने और ओवरलोड मालवाहक वाहनों को सीज करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने एरिया-वाइज जिम्मेदारियां तय कर दी हैं, जिससे किसी भी गड़बड़ी की सीधी जवाबदेही संबंधित परिवहन निरीक्षक की मानी जाएगी।हाल ही में जयपुर मुख्यालय से जारी गाइडलाइन के बाद रीजन के जिला परिवहन अधिकारियों व निरीक्षकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि 31 दिसंबर तक सभी बसों से लगेज कैरियर अनिवार्य रूप से हटवा दिए जाएं। हर बस की क्षेत्रवार सूची तैयार होगी और उसी क्षेत्र के निरीक्षक को इसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी दी जाएगी।यदि किसी भी क्षेत्र में बिना फिटनेस, परमिट, कर या लगेज कैरियर के साथ बस चलती पाई गई, तो संबंधित निरीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी।लगेज कैरियर हटाने की जरूरत क्योंकई निजी बसों की छतें अक्सर तिरपाल से ढंके सामान से लदी रहती हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।ऊपरी सतह पर अधिक भार से बस का गुरुत्वीय संतुलन बिगड़ता है और अचानक मोड़ लेने पर बस के पलटने की आशंका रहती है।तेज हवा में ऊपरी सामान वायु अवरोध बनता है, जिससे वाहन असंतुलित हो सकता है।सड़क पर अतिरिक्त भार का दबाव पड़ता है, जिससे डामर टूटने और गड्ढे बनने की संभावना बढ़ जाती है, और अंततः हादसे बढ़ते हैं।
बस ऑपरेटरों के लिए चेतावनी
परिवहन विभाग ने साफ कहा है कि बस ऑपरेटर तुरंत लगेज कैरियर हटवाएं। 31 दिसंबर के बाद नियम के उल्लंघन पर बस जब्त हो सकती है या भारी चालान लग सकता है।
फिटनेस, परमिट और टैक्स समय पर जमा करवाना भी अनिवार्य किया गया है।चूंकि क्षेत्रीय निरीक्षक की सीधी जवाबदेही तय कर दी गई है, इसलिए विभाग अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।यात्री बसों में अवैध लगेज हो या मालवाहक वाहनों में अवैध भार—हर स्थिति में वाहन सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।
