पंडित प्रदीप मिश्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कुबेरेश्वर धाम में मौतों का मामला पहुंचा कोर्ट,भीलवाड़ा की कथा पर सबकी नजरें

पंडित प्रदीप मिश्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कुबेरेश्वर धाम में मौतों का मामला पहुंचा कोर्ट,भीलवाड़ा की कथा पर सबकी नजरें
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सीहोर/भीलवाड़ा। मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण और कांवड़ यात्रा के दौरान हुई सात लोगों की मौत का मामला अब कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। इंदौर के अधिवक्ता प्रकाश यादव ने सीहोर जिला न्यायालय में पंडित प्रदीप मिश्रा और उनकी विट्ठलेश सेवा समिति के खिलाफ परिवाद दायर कर कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, भीलवाड़ा में अगले महीने प्रस्तावित पंडित मिश्रा की कथा की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन सीहोर हादसे की छाया इस आयोजन पर सवाल खड़े कर रही है।

सीहोर में क्या हुआ था?

पिछले 5-6 अगस्त को सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में आयोजित रुद्राक्ष वितरण और कांवड़ यात्रा में करीब सात लाख श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस दौरान भारी भीड़ के बीच अव्यवस्था की स्थिति बन गई, जिसके परिणामस्वरूप सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में डीजे संचालकों पर केस दर्ज कर अपनी कार्रवाई को सीमित रखा। अधिवक्ता प्रकाश यादव ने मंडी थाने में एफआईआर की मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने जिला न्यायालय का रुख किया। कोर्ट ने पुलिस को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, और अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।

मानवाधिकार आयोग की चुप्पी

इस हादसे के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने सीहोर कलेक्टर और एसपी को जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। हालांकि, समय सीमा बीत जाने के बावजूद जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर और सवाल उठ रहे हैं।

भीलवाड़ा में कथा की तैयारियां, लेकिन सतर्कता जरूरी


इन सबके बीच, पंडित प्रदीप मिश्रा की अगली कथा भीलवाड़ा में प्रस्तावित है, जिसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सीहोर हादसे के बाद आयोजकों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दबाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन और आयोजकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भीलवाड़ा में होने वाली कथा में ऐसी कोई घटना न हो। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम, जैसे पर्याप्त पुलिस बल, मेडिकल सुविधाएं और भीड़ नियंत्रण के उपाय, अनिवार्य हैं।

श्रद्धालुओं में उत्साह, सावधानी की अपील

पंडित मिश्रा की कथाओं में भारी भीड़ उमड़ती है, और भीलवाड़ा में भी लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। सीहोर की घटना के बाद श्रद्धालुओं से भी अपील की जा रही है कि वे आयोजन में शामिल होने के दौरान सावधानी बरतें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

सीहोर हादसे ने धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। भीलवाड़ा में प्रस्तावित कथा के आयोजकों और प्रशासन को सीहोर की घटना से सबक लेते हुए हर संभव कदम उठाने होंगे ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों बनी रहें। इस बीच, कोर्ट में चल रही सुनवाई और मानवाधिकार आयोग की जांच के नतीजे इस मामले में आगे की दिशा तय करेंगे।

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