दर्द-ए-शहर: भीलवाड़ा में नो पार्किंग में पार्किंग, सड़क को भी नहीं बख्श रहे है वाहन चालक

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भीलवाड़ा (सम्पत माली) । भीलवाड़ा में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है लेकिन निचले स्तर पर इनके प्रयासों को पूरी तरह सफल नहीं होने दिया जा रहा है। हालात यह है कि गंगापुर रोड पर नो पार्किंग में दिनभर पार्किंग हो रही है। और तो और आधी सड़क पर पार्किंग कर यातायात को बाधित करने में कोई कोर कसर नहीं रखी जा रही है लेकिन जिम्मेदार महकमा मूकदर्शक बना हुआ है जिसके फलस्वरूप कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक शहर की यातायात व्यवस्था को माकूल करने में लगे है लेकिन यातायात को व्यवस्थित करने का जिम्मा संभाल रहा परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ऐसे मामलों में मूकदर्शक बने हुए है। गंगापुर मार्ग पर कब्रिस्तान से पांसल चौराहे तक सड़क पर ही वाहन पार्किंग किये जा रहे है। टेक्सटाईल मार्केट यानि गंगापुर तिराहे से गांधीनगर चौराहे तक नो पार्किंग के एक नहीं अनेक बोर्ड लगे है लेकिन इन बोर्डों के नीचे ही एक नहीं, दो-दो लाईन में सड़क पर वाहन पार्क किये जा रहे है जिससे दिनभर यातायात अवरूद्ध रहता है। इससे आगे दुकानों के बाहर दुकानदार सामान रख देते है और फिर वाहन पार्क कर दिए जाते है जिससे सड़क आधी रह जाती है जिससे यातायात दिन भर प्रभावित रहता है। ओम टॉवर के बाहर तो हालात काफी खराब है। यहां बीस फीट सड़क के नीचे वाहन पार्किंग के बाद भी आधी सड़क पर आस पास के दुकानदार और अन्य लोग अपने वाहन पार्क कर जाते है और कई बार तो रात के समय दूसरे वाहन चले जाते है और दूसरे वाहन सड़क के बीच खड़े रहते है जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यही हालत आजाद नगर चौराहा और पास ही के बाजार का तो है ही साथ ही यहां से आगे चले तो प्रतापनगर स्कूल के बाहर सर्विस लेन पर पूरी तरह दुकानें सज चुकी है और कई जगह तो जूते चप्पल, कपड़े के शो रूम लगे है। वहीं कार बाजारों का भी यहां जमावड़ा है। जिसके चलते सर्विस लेन पूरी तरह अतिक्रमण की गिरफ्त में है। आईटीआई के बाहर वर्षों से मार्बल के ट्रेक्टर कारोबारियों ने कब्जा किया हुआ है। यहां मार्बल मण्डी चल रही है। इस मार्ग पर बसों के स्टोपेज बने हुए है लेकिन वे भी अतिक्रमण की गिरफ्त में है। पांसल चौराहे की रंगत भी अतिक्रमणकारियों ने बिगाड़कर रखी हुई है।

होगा बड़ा हादसा, तब जागेगा प्रशाासन ...

इस क्षेत्र के रहने वाले दिनेश परिहार ने बताया कि यह मार्ग काफी व्यस्ततम है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है न तो नगर विकास न्यास और न ही नगर निगम अतिक्रमण हटाने की ओर ध्यान दे रहा है। एक अन्य व्यक्ति सोहन लाल का कहना थ्ज्ञा कि चर्चा तो यह है कि सर्विस लेन पर चल रहे अस्थाई शो रूम और अन्य कारोबारियों से निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते द्वारा सुविधा शुल्क वसूला जाता है। यही वजह है कि इस ओर कोई झांकता नहीं है। खास बात यह है कि आरटीओ के सभी अधिकारी और कर्मचारी व इंस्पेक्टर इसी मार्ग से होकर रोजाना आते जाते है लेकिन इनकी नजर भी नहीं पड़ती। प्रतापनगर थाना और यातायात पुलिस की गाडिय़ां भी इसी मार्ग से गुजरती है लेकिन उन्हें यह अतिक्रमण नजर नहीं आता। कोई बड़ा हादसा होगा तब आनन फानन में कार्रवाई होगी। हाल ही में बनी एक होटल के बाहर पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से कार्यक्रम होने पर सड़क पर ही वाहन पार्क किये जाते है जो कभी बड़े हादसे का कारण बनेंगे। एक राहगीर रिंकू ने कहा कि प्रतापनगर और आईटीआई वाले कट पर कई बार हादसे भी हो चुके है लेकिन फिर भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है। इस मार्ग पर दोनों ओर अतिक्रमण होने से मुख्य मार्ग पर आने जाने वाले वाहन नजर नहीं आते है जो दुर्घटना का कारण बन रहे है।

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