चारागाह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनके विकास से पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा कलेक्टर जसमीत

चारागाह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनके विकास से पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा कलेक्टर जसमीत
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आकोला रमेश चंद्र डाड. जिला कलेक्टर जसमीत सिंह ने शनिवार को ग्राम पंचायत मकड़िया और महुआ के चारागाह क्षेत्रों का मौका निरीक्षण किया. उन्होंने दोनों ही स्थानों पर हो रहे विकास कार्यों और जल संरक्षण से जुड़े प्रयासों की विस्तार से समीक्षा की.निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने चारागाह विकास कार्यों की प्रगति को परखा और अधिकारियों को समयसीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने गुजर रहे जल संरक्षण कार्यों की स्थिति, जल संचयन संरचनाओं की मजबूती और चारागाह भूमि के संरक्षण संबंधी गतिविधियों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया.


इस निरीक्षण में भीलवाड़ा शहर विधायक अशोक कोठारी, त्रिलोक चंद्र छाबड़ा, विभिन्न विभागों के अधिकारी, चारागाह समितियों के सदस्य और इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के कार्यकर्ता मौजूद रहे. ग्रामीणों ने भी अपने सुझाव कलेक्टर के सामने रखे और चारागाह भूमि के संरक्षण तथा बेहतर प्रबंधन की मांग की.

कलेक्टर ने कहा कि चारागाह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनके विकास से पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए ताकि आगामी मौसम में ग्रामीणों को अधिक लाभ मिल सके.

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