उड़ती धूल से लोग परेशान, नई सड़कें खोदकर बनाने की मांग

भीलवाड़ा । शहर के इर्द गिर्द की टूटी सड़कों से उड़ती धूल से लोग परेशान है लेकिन सड़कों पर डामरीकरण नहीं किया जा रहा है। यही नहीं वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

भीलवाड़ा कोटा मार्ग पर सुवाणा के आस पास लम्बे समय से सड़क टूटी पड़ी है लेकिन डामरीकरण नहीं किये जाने से दिन भर वाहन गुजरने पर धूल उड़ती रहती है जिससे आस पास के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खड्डों से चौपहिया वाहन चालक परेशान है तो उड़ती धूल से दुपहिया वाहन चालकों का निकलना भी दुर्भर हो रहा है। ऐसे ही हालात पांसल चौराहे से सौ फीट रोड के भी है। यहां सीवरेज लाईन बिछाई गई थी लेकिन बाद में सड़कों को पूरी तरह नहीं सुधारा गया। अब इन सड़कों को नया बनाने के लिए खुरेद दिया गया है। ऐसे में वहां से गुजरने वाले वाहनों से दिन भर धूल उड़ती रहती है जिससे क्षेत्र के दुकानदार और अन्य लोग परेशान है। लोगों ने मांग की है कि नगर विकास न्यास नई बनाई जाने वाली सड़कों को खोदकर बनाए ताकि मकान सड़कों से नीचे न हो। पिछले कई सालों पर सड़कों पर परत दर परत डामर बिछाया जा रहा है जिससे मकान सड़क से नीचे हो गए है जिससे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही शहर के कई इलाकों में हो रहा है।

महामण्डलेश्वर उदासीन ने दोहराया मैं साधु सिंधी समाज का नहीं, अब 5 फरवरी पर टिकी निगाहें, माफी मांगेंगे या फेसबुकियां लोगों से लेंगे

भीलवाड़ा (राजकुमार माली) । हरिशेवा धाम के महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन द्वारा झूलेलाल को भगवान नहीं मानने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है। सिंधी समाज महामण्डलेश्वर की इस टिप्पणी पर नाराजगी जता चुके है जबकि महामण्डलेश्वर ने फिर कहा है कि साधु किसी समाज का नहीं होता है। उन्होंने विरोध करने वालों को ललकारते हुए कहा है कि वह 5 तारीख को हरिशेवा धाम में पहुंचे और माफीनामा लें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे माफी मांगेंगे और फेसबुकिया लोगों से माफी भी लेंगे।

महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन ने दूरभाष पर हलचल से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने देश भर के उन लोगों को खुला निमंत्रण दिया कि वे 5 फरवरी को हरिशेवा धाम आयें इसके लिए उन्हें किराया, ठहरने की व्यवस्था और भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। महामण्डलेश्वर ने यह भी कहा कि कई लोग मंदिरों में दारू पीते है उनसे भी माफी ली जाएगी और मैंने अगर गलती की है तो मैं भी माफी मांगूंगा। इस मौके पर भीलवाड़ा के 36 ही कौमों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि मैं साधु सिंधी समाज का नहीं हूं,साधु किसी जात का नहीं है, संत किसी जात का नहीं है, देवता किसी जात का नहीं है। जो लोग विरोध कर रहे है वह ठीक नहीं है । उन्होंने यह भी कहा है कि लोग कह रहे है कि मंदिर में मत चढऩा लेकिन मैं मंदिर में चढ़ू या नहीं चढ़ूगा यह तो माफी के बाद करना। उन्होंने कहा कि वाट्सअप वाले सभी देवता भी 5 फरवरी को आ जाये वहीं फैसला हो जाएगा।

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