पिता का आरोप - पुलिस दे रही अपहरणकर्ताओं का साथ, न्याय न मिला तो करेंगे सामूहिक आत्महत्या

पिता का आरोप - पुलिस दे रही अपहरणकर्ताओं का साथ, न्याय न मिला तो करेंगे सामूहिक आत्महत्या
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भीलवाड़ा । जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए पुलिस पर निष्क्रियता और अपराधियों का साथ देने का आरोप लगाया है। अमरपुरा-मदनपुरा निवासी रामकरण बलाई ने पुलिस अधीक्षक को दिए एक प्रार्थना पत्र में अपनी पुत्री के अपहरण और उसके बाद जान से मारने की धमकी मिलने का सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए न्याय न मिलने पर परिवार सहित सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी दी है।

रामकरण बलाई के अनुसार, उनकी पुत्री को 21 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 2 बजे कमलेश कुमार पुत्र भंवरलाल कुमावत निवासी रूपपुरा, शाहपुरा द्वारा बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया गया। जब उनके पुत्र दुर्गालाल ने शाहपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया, तो पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज करने के बजाय गुमशुदगी की रिपोर्ट (जीडी रोजनामचा 032 दिनांक 22/04/2025) दर्ज करने को कहा। परिजनों का आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज होने के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

परिजनों ने बताया कि 29 मई 2025 को उनके पुत्र द्वारा भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसके बाद अपहरणकर्ता कमलेश के परिजनों, जिनमें उसके पिता भंवरलाल और भाई दिलखुश शामिल हैं, ने 2-3 अन्य साथियों के साथ उनके गांव आकर खुलेआम धमकियां दीं। रामकरण बलाई के मुताबिक, उन्हें धमकाते हुए कहा गया कि अभी तो उनकी बेटी का अपहरण ही किया है, अगर ज्यादा शिकायत की तो उसे दूर बेच भी सकते हैं। इसके अलावा, कमलेश के पिता ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा, ’सालो नीच जाति के लोगों से लड़की अवेरती नहीं है और वो अगर हमारा लड़का लेकर चला गया तो क्या हुआ? तुम लोगों की बहु-बेटियों ऐसे ही जाती रहेगी। अगर ज्यादा थाने में एवं कोर्ट कचहरी की तो अंजाम बुरा होगा, तुम्हारे पूरे परिवार को जान से हाथ धोना पड़ेगा।’

प्रार्थी रामकरण बलाई ने आरोप लगाया है कि आरोपी कमलेश और उसका भाई दिलखुश आदतन अपराधी हैं और उनके खिलाफ चोरी सहित कई आपराधिक गतिविधियां दर्ज हैं। उनका कहना है कि ये लोग आपराधिक और असामाजिक तत्वों का गिरोह बनाकर चलते हैं, जिससे उनके परिवार और जान-माल को खतरा है। बार-बार पुलिस के पास जाने पर संबंधित थानाधिकारी और पुलिसकर्मी उन्हें वहां से भगा देते हैं और धमकी देते हैं कि अगर ज्यादा शिकायत की तो अंजाम बुरा होगा।

रामकरण बलाई ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि लगभग डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे उनका परिवार सदमे में है और सामूहिक आत्महत्या करने के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से पुरजोर आग्रह किया है कि संबंधित अभियुक्तों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए और उनकी पुत्री को बरामद कर इन लोगों के चंगुल से मुक्त कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे अपने परिवार सहित जिला कलेक्ट्रेट परिसर में आत्महत्या करने को विवश होंगे। सुनवाई में जिला कलेक्टर ने जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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