समोड़ी रेंज में पुलिस का फायरिंग अभ्यास: हर चुनौती के लिए तैयार

भीलवाड़ा। समोड़ी फायरिंग रेंज इन दिनों गोली और बारूद की आवाज़ों से गूंज रही है। यह कोई युद्ध का मैदान नहीं बल्कि भीलवाड़ा जिला पुलिस का वार्षिक फायरिंग अभ्यास है। पुलिस के आला अफसरों से लेकर थानेदार तक हर कोई हथियारों पर अपने कौशल का परीक्षण कर रहा है।
समोड़ी रेंज जिला मुख्यालय से लगभग सात किलोमीटर दूर पहाड़ियों में स्थित है। यहां पुलिसकर्मी लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने का अभ्यास कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव भी मौजूद रहकर जवानों को प्रोत्साहित कर रहे थे।
अभ्यास का मकसद बदलती अपराध प्रवृत्ति और आधुनिक फायर आर्म्स के बढ़ते उपयोग के मद्देनजर पुलिस की तैयारियों को और मजबूत बनाना है। इस अभ्यास में रूटीन हथियारों के साथ-साथ एके-47, ग्लॉक पिस्टल, एमपी-5 और एसएलआर जैसे आधुनिक हथियारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
साथ ही आपराधिक गैंगों से मुठभेड़ की स्थिति में त्वरित और सटीक कार्रवाई के लिए क्विक रिएक्शन टीम और डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम भी अपनी दक्षता परख रही है। अभ्यास में गैस गन, गैस सैल और ग्रेनेड का उपयोग शामिल है।
समोड़ी की शांत पहाड़ियों में गूंजता यह शोर दर्शाता है कि पुलिस हर प्रकार की चुनौती के लिए तैयार है। जिले में मादक पदार्थ तस्करों और संगठित अपराधियों द्वारा वैध हथियारों के इस्तेमाल और संभावित मुठभेड़ की परिस्थितियों के मद्देनजर समोड़ी फायरिंग बट पर व्यापक अभ्यास किया जा रहा है।
अभ्यास में जिले के वरिष्ठ अधिकारी, क्विक रिएक्शन टीम और विभिन्न स्पेशल टीमें शामिल हैं। पुलिसकर्मियों ने चलती गाड़ियों से आधुनिक हथियारों का उपयोग कर अपराधियों पर फायर करने का अभ्यास किया। इसके अलावा, अपराधियों की फायरिंग से बचते हुए वाहन के टायर को निशाना बनाने और भागते अपराधियों पर सटीक फायर करने की क्षमता को भी परखा गया।
पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि यह अभ्यास पुलिसकर्मियों को कर्तव्य पालन के दौरान सटीक निशाना लगाने और हथियारों का प्रभावी उपयोग करने की तैयारी देता है। फायरिंग रेंज में यह अभ्यास पुलिस के लिए हर चुनौती से निपटने की गंभीर तैयारी का प्रतीक है।
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