भीलवाड़ा में डाला छठ की तैयारी जोरों पर, 27 अक्टूबर को होगा अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

भीलवाड़ा में डाला छठ की तैयारी जोरों पर, 27 अक्टूबर को होगा अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
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भीलवाड़ा। लोक आस्था का महापर्व डाला छठ या सूर्य षष्ठी पर्व इस वर्ष 27 अक्टूबर (रविवार) को मनाया जाएगा। भगवान भास्कर की आराधना का यह पर्व व्रती महिलाएँ नदी, तालाबों और जलाशयों के तट पर विधिवत अर्घ्य देकर मनाएँगी। इस बार सूर्य उपासना के इस महापर्व पर रवि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो अत्यंत शुभ माना जा रहा है।

🌅 25 अक्टूबर से आरंभ होगा पर्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार डाला छठ की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि यानी 25 अक्टूबर (शुक्रवार) को नहाय-खाय से होगी। इस दिन व्रती महिलाएँ घर की सफाई कर स्नानादि के बाद सात्विक भोजन करती हैं। तामसिक भोजन का पूर्ण त्याग किया जाता है। दिन में एक बार भात व लौकी की सब्जी ग्रहण कर भूमि पर शयन किया जाता है।

🍚 26 अक्टूबर को होगा खरना

इसके अगले दिन 26 अक्टूबर (शनिवार) को पंचमी तिथि पर खरना मनाया जाएगा। व्रती दिनभर निर्जल रहकर सायंकाल गुड़ और दूध से बनी खीर का प्रसाद ग्रहण करती हैं। इसके बाद 36 घंटे का कठिन निर्जल उपवास शुरू होता है।

🪔 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

तीसरे दिन 27 अक्टूबर (रविवार) को कार्तिक शुक्ल षष्ठी पर व्रती महिलाएँ नदी, तालाब या पोखरों के तट पर पहुँचकर अस्ताचलगामी सूर्य देव को दूध व जल से अर्घ्य देंगी। इस दौरान बांस की डालियों और सूप में ऋतुफल, नारियल, मिष्ठान, ईख आदि रखकर पूजा की जाती है।

🌄 28 अक्टूबर को अरुणोदयकाल में दूसरा अर्घ्य

रात्रि जागरण के बाद चौथे दिन 28 अक्टूबर (सोमवार) को अरुणोदय काल में भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। इसके साथ ही व्रत का पारण कर छठ महापर्व का समापन होगा।

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