भीलवाड़ा में दशहरे की तैयारियां जोरों पर, 51 फीट ऊंचा रावण करेगा आतिशी प्रदर्शन

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भीलवाड़ा (सम्‍पत माली)। अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व एक बार फिर पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। शहर में दशहरा उत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। हर साल की तरह इस बार भी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का निर्माण शुरू हो गया है।

तेजाजी चौक और लेबर कॉलोनी मैदान पर भव्य स्तर पर दशहरा आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। रावण दहन के आयोजन तेजाजी चौक, लेबर कॉलोनी, पुर, सांगानेर, सालरा और टंकी के बालाजी में होंगे।

तेजाजी चौक (तालाब की पाल) पर रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम होगा। यहां 51 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है, जिसकी चौड़ाई दोनों हाथों सहित 30 फीट होगी। रावण के पैर 6 फीट और धड़ 15 फीट ऊंचा होगा। इस पुतले की खास बात यह है कि इसके मुंह और आंखों से अंगारे बरसेंगे, नाभि में चक्र घूमेगा और हाथों से तलवार चलती नजर आएगी। साथ ही शानदार आतिशबाजी भी की जाएगी।

इसके अलावा, दो शेर, दो हिरण, एक हाथी और भव्य लंकाद्वार भी तैयार किया जा रहा है। 35-35 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी तेजाजी चौक पर जलाए जाएंगे।

लेबर कॉलोनी, पुर और सांगानेर में भी दशहरे पर रावण दहन होगा, जहां 15-15 फीट ऊंचे रावण और कुंभकर्ण के पुतले बनाए जा रहे हैं। इन स्थानों पर एक-एक हाथी और शेर का पुतला भी आकर्षण का केंद्र होगा। सालरा और टंकी के बालाजी के लिए भी रावण और अन्य पात्रों के पुतले तैयार किए जा रहे हैं।

रामलीला मैदान में सात गुना छह फीट का लंकाद्वार बनाया जाएगा, जो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण रहेगा। सभी पुतलों में आतिशबाजी की विशेष व्यवस्था की गई है।

भीलवाड़ा के अब्दुल समद सौरगर तीन पीढ़ियों से दशहरे के लिए पुतले बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं जो यह परंपरा निभा रहे हैं। इससे पहले उनके पिता ग्यारसीलाल और सुलेमान खान दशहरे पर पुतलों का निर्माण करते थे।

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