प्राइवेट स्कूल अब नहीं रोक सकेंगे बच्चों की टीसी, आदेश जारी

भीलवाड़ा। अब प्राइवेट स्कूल अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों की टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) नहीं रोक सकेंगे। यदि किसी स्कूल ने टीसी रोकने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989, नियम 1993 एवं संशोधित नियम 2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने 10 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (मुख्यालय) को यह निर्देश जारी किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने स्पष्ट किया है कि कई बार प्राइवेट स्कूल अलग-अलग कारणों से बच्चों को समय पर टीसी जारी नहीं करते, जिससे उनकी आगे की पढ़ाई प्रभावित होती है।
आदेश में कहा गया है कि जब किसी छात्र के माता-पिता या अभिभावक टीसी के लिए आवेदन करें, तो स्कूल को वह टीसी तुरंत जारी करनी होगी, ताकि बच्चे का शिक्षा क्रम बना रहे। यदि स्कूल और अभिभावकों के बीच कोई विवाद भी हो, तब भी टीसी रोकी नहीं जा सकती।
स्कूलों पर होगी सख्त कार्रवाई
यदि आवेदन करने के बावजूद स्कूल टीसी नहीं देता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह कदम इसलिए जरूरी माना गया है, क्योंकि कई बच्चे दूसरे स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं, लेकिन पुराना स्कूल टीसी न देकर अड़चन खड़ी कर देता है।
प्राइवेट स्कूलों का तर्क
वहीं, प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि जब तक अभिभावक पूरी फीस नहीं जमा कराते, वे टीसी कैसे दें। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि फीस बकाया रहने पर टीसी देना उनके लिए नुकसानदायक होता है।
हालांकि, निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि फीस विवाद के बावजूद टीसी रोकी नहीं जा सकती। फीस संबंधी मामले अलग से निपटाए जा सकते हैं, लेकिन बच्चे की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए।
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