तपस्वियों की शोभायात्रा निकाली गई, श्रद्धा भाव से कराए गए पारणा

भीलवाड़ा । दिगम्बर जैन समाज के दसलक्षण (पर्युषण) महापर्व के समापन पर रविवार को पट्टाचार्य आचार्य विशुद्धसागर महाराज के शिष्य मुनि अनुपम सागर महाराज एवं मुनि निर्मोहसागर महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में दस एवं पांच उपवास करने वाले करीब 40 तपस्वियों के पारणे माहेश्वरी धर्मशाला में कराए गए। इससे पूर्व प्रेम चुनरिया से तपस्वियों को बग्गी में बिठाकर मुनि ससंघ के सानिध्य में भव्य शोभयात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। शोभायात्रा में श्रद्धालुगण जैन धर्म की आराधना के गीतों पर नाचते-गाते चल रहे थे। शोभायात्रा कांवाखेड़ा, पीएंडटी कॉलोनी होते हुए माहेश्वरी धर्मशाला पहुंची। दशलक्षण पर्व के साथ ही श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर परिसर के पास प्रेम चुनरिया वाटिका में दस दिवसीय सत्यार्थ बोध जैनत्व संस्कार साधना शिविर का भी समापन हो गया। शिविर में प्रत्येक दिन शिविरार्थियों को धर्म का ज्ञान देने के साथ मुनि अनुपम सागर महाराज ने सभी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए संघ समाज की सेवा के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने प्रतिदिन मंदिर आने अभिषेक करने ओर परोपकार करने की भी प्रेरणा प्रदान की। श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि सुबह 6 बजे पांडाल से आदिनाथ भगवान को पुनः मुख्य वेदीजी में विराजमान किया गया। जैनत्व संस्कार साधना शिविर एवं दशलक्षण पर्व के सभी आयोजनों को सफल बनाने पर सभी श्रावक श्राविकाओं एवं प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग देने वाले समाज के सभी संगठनों का आभार जताया। समिति के मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि माहेश्वरी धर्मशाला में तपस्वियों के पारणे से पूर्व ध्वजा का विजर्सन हुआ। सभी तपस्वियों एवं शिविरार्थियों का सम्मान किया गया। बाहुबली जैन वेलफेयर सोसायटी एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में 8 सितम्बर सोमवार दोपहर में प्रेम चुनरिया में सामूहिक क्षमावाणी एवं कलशाभिषेक का आयोजन होगा। सोसायटी के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन एवं सचिव राजकुमार चौधरी ने बताया कि दोपहर 2 बजे से भव्य पूजन एवं भक्ति संगीत होगा। दोपहर 3 बजे 10 एवं 5 उपवास करने वाले तपस्वियों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान किया जाएगा। दोपहर 3.30 बजे मुनि अनुपम सागर महाराज ससंघ का प्रवचन होगा एवं इसके बाद शाम 4.30 बजे कलशाभिषेक एवं सामूहिक क्षमावाणी का आयोजन होगा।
