रायपुर में 28 बच्चों के पिता की मौत:85 साल थी उम्र; 2 शादियां कीं सपेरा कार्य से भरा परिवार का पेट
रायपुर (विशाल वैष्णव) रायपुर के कालबेलिया बस्ती में 28 बच्चे और 2 पत्नियों वाले लखमा नाथ का रविवार प्रातःकाल 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। भीलवाड़ा जिले के रायपुर के कालबेलिया बस्ती में रहने वाले 85 साल के लखमा नाथ सांप पकड़ने में माहिर थे। जो क्षेत्र में घरों में कहीं जहरीले जीव जंतु आ जाते थे तो उनको पकड़कर जंगल में छोड़ा करते थे उनसे होने वाली आमदनी से जीवन व्यापन करते थे। उनके बेटे फौजी नाथ ने बताया कि लखमा नाथ मौत से 5 दिन पहले तक अपने पोतों को पुंगी बजाने के साथ ही सांप पकड़ने की शिक्षा दे रहे थे। फौजी नाथ ने कहा- हम में से कई पढ़े-लिखे हैं, लेकिन रोजगार नहीं मिला। इसलिए हम अपने परिवार का गुजारा हस्तरेखा शास्त्र से आसपास के राज्यों के बड़े बड़े शहरों में जाकर कार्य से एवं हमारे जाति कर्म सपेरा कार्य से करते है।
2 पत्नियों है और 11 बच्चों की हो गई मौत
लखमा नाथ 2011 में हुई जनगणना के दौरान चर्चा में आए थे। तब रायपुर में कई साल बाद जनसंख्या गणना हुई थी। जनगणना करने गई टीम ने देखा था कि लखमा नाथ अपनी 2 पत्नियों और 28 बच्चों के साथ रह रहे थे। वहीं उनके 11 बच्चों की पहले ही मौत हो गई थी।
उनकी पहली शादी 17 साल में हुई थी। उनके 6 बेटे और 11 बेटियां उनके तीन कमरों के घर में एक साथ रहते थे वे बारी-बारी से बच्चों से मिलते थे और पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे। उनके ज्यादातर बच्चों के पोते पोती हो चुके है लगभग 170 पोते पोतियों का संयुक्त परिवार है लखमा नाथ उनकी सबसे छोटी बेटी कालू है जो 15 साल की है,
दूध ना होने की वजह से हुई बच्चों की मौत
लखमा नाथ ने 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था- मेरे पास पैसे नहीं थे। इसलिए कई बच्चों को दूध नहीं मिल पाया। इस वजह से उनकी मौत हो गई। पहले बहुत मेहनत करता था और अपने 8 बड़े बेटों बेटियों को शिक्षा दी। लेकिन बूढ़ा हो जाने से उतना काम नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने बताया पैसे की तंगी के चलते उसका इलाज नहीं करा पाया। दस बच्चे स्कूल नहीं जा पाए, क्योंकि फीस के लिए पैसे नहीं थे। लखमा नाथ की मौत की खबर क्षेत्र में फैलने से लोगो ने दुख व्यक्त करते दिखाई पड़े साथ ही लोगो के जुबान पर सबसे ज्यादा बच्चों के पिता लखमा नाथ को माना जाता था।