विद्युत विभाग की लापरवाही:विद्युत लाइन की चपेट में आने से मोर की मौत, ग्रामीण में छाया आक्रोश

रायपुर (विशाल वैष्णव) उपखंड रायपुर में विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते लगातार तीसरी बार एक ही स्थान पर राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो रही है। आज सुबह भी एक मोर 11 केवी की हाईटेंशन विद्युत लाइन की चपेट में आ जाने से मोर पुनः काल का ग्रास बन गया। लगातार हो रहे हादसों के चलते ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों के अनुसार इस संबंध में उन्होंने विद्युत विभाग के एईएन शत्रुघ्न काटिया, जे ई एन जितेन्द्र जोनवाल, को पूर्व में लिखित सूचना देकर समस्या से अवगत करवाया हुआ है। मगर विभाग के कार्मिकों के कान में झु तक रेंगने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीणों ने मांग कि है कि शनि मन्दिर के पास से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन को इंसुलेटेड किया जाए और दो टॉवर लोहे के लगाए जाए। परंतु उनकी मांग पर विद्युत विभाग के अधिकारी लगातार लापरवाह बने हुए हैं। वायर के इंसुलेटेड नहीं होने और नीची तथा ढीली होने के कारण अब तक तीन मोर अकाल मौत का शिकार हो चुके हैं। इधर रायपुर प्रशासक इंजी रामेश्वर लाल छिपा ने वन विभाग को सूचना देने के एक घंटे बीत जाने के बाद भी एक कर्मचारी नहीं पहुंचा, फिर पहुंचे तो लोगों ने खरी खरी सुनाई ,ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस लाइन के कारण पहले भी कई मोर और अन्य पक्षी मर चुके हैं. जिसकी शिकायतें पूर्व में भी की गई लेकिन विद्युत विभाग लापरवाही बरत रहा। यह घटना एक दुखद उदाहरण है कि कैसे बिजली की लाइनें पक्षियों के लिए खतरा बन सकती हैं, खासकर जब वे पेड़ों के पास से गुजरती हैं. इस घटना से यह भी पता चलता है कि बिजली विभाग को अपनी लाइनों की सुरक्षा और रख-रखाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके अब देखना होगा कि क्या विद्युत विभाग उक्त तारों को हटाता है या लोहे के टॉवर लगाकर समाधान करता है। या विभाग किसी राष्ट्रीय पक्षी की मौत का इंतजार करेगा। मृत मोर को राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के साथ विदा किया गया, मृत मोर को वनविभाग के वनरक्षक अयूब मोहम्मद,सहायक वनपाल मंजू माली, को सुपुर्द किया गया इस दौरान मौके पर हेड कॉन्स्टेबल सुनील कुमार, कानि मुख राम, रामुराम चालक अनिल सहित प्रशासक इंजी रामेश्वर लाल, उप सरपंच देवकिशन माली, विशाल वैष्णव,राधेश्याम काबरा, बद्री लाल सुथार, अर्पण उपाध्याय, विकास वैष्णव, चंदशेखर डाकोत सहित ग्रामीण मौजूद थे।
