निजीकरण के विरोध में राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

X

भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली) । राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया कि विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण में भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुंध निजीकरण पर रोक लगाने का बार बार आव्हान किया जा रहा है लेकिन विद्युत प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने पर अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रहा है अपितु दुगूनी गति से इस प्रक्रिया को बढ़ाया जा रहा है।

राज्य सरकार द्वारा इस विद्युत क्षेत्र का संचालन बिना लाभ हानि के अपनी राज्य की जनता के प्रति लोक कल्याणकारी सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु किया जाता है परन्तु वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोड़कर विद्युत क्षेत्र को लाभ हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ़ रही है उसी के कारण विद्युत प्रशासन द्वारा वर्तमान में विद्युत के वितरण प्रसारण व उत्पादन में वर्तमान से द्रुतगति से भिन्न भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर निजीकरण किया जा रहा है। वर्तमान में अधिकतर कार्य आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी इत्यादि नामों से निजी भागीदारी द्वारा करवाये जा रहे है। राजस्थान सरकार बेवजह प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है।

प्रशासन से विगत 6 माह से अधिक समय से राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा निरन्तर पत्राचार, ज्ञापन व प्रदर्शन के माध्यम से आव्हान कर रही है उसके पश्चात भी आज तक इनकी मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में अत्यधिक रोष व्याप्त है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन द्वारा सभी विद्युत निगमों में अलग अलग नामों व मॉडलों से किये जा रहे निजीकरण को बन्द किया जाये वरना उग्र आन्दोलन की ओर अग्रसर होना पड़ेगा जिसके लिए राजस्थान सरकार एवं विद्युत प्रशासन स्वयं जिम्मेदार होगा।

Tags

Next Story