रामधाम ऋषि प्रधान स्थान - स्वामी चेतन्यानंद

भीलवाडा । रामधाम में पिछले 2 माह से चल रहे चातुर्मास दिव्य संत्संग का हवन एवं शिव अभिषेक के साथ समापन हुआ। चातुर्मासरत संत को भेंट देकर सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। इस मौके पर स्वामी चैतन्यानंद गिरी ने कहा कि कथा का सार यही है कि इसे जीवन पर्यन्त स्मरण करते हुए परमात्मा में लीन रहे। भारत देश हमारा कृषि प्रधान देश हैं। मगर रामधाम विरक्त आश्रम ऋषि प्रधान है, जो 58 वर्षो से तपस्यारत संतो के लिए आवास, भोजन व सत्संग बेहतर स्थान हैं। इसे तपोनिष्ठ शिरोमणी संत प्रतीक्षानंद महाराज ने स्थापित किया। स्वामी जी ने कहा की हिन्दुत्व रक्षा नायक प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी है तो उनके जन्म दिन पर स्वामी जी ने अपनी ओर से गायो की लापसी खिलाई। संत राजेश्वरानंद सरस्व‌ती ने कहा कि स्वामी चैतन्यानंद गिरी के अध्यात्म रामायण पाठ से हमें सब अभिभूत हुए। श्री रामधाम रामायण मण्डल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष हेमंत मानसिंहका, सचिव अभिषेक अग्रवाल, दामोदर अग्रवाल, ओम शर्मा राकेश सिंघल ने महाराज को भगवा शॉल ओढा कर सम्मान करते हुए वस्त्र, पुष्प, फल भेंट किए। रामधाम के वें कर्मचारी जिन्होने 2 माह तक रात दिन संत्संग भवन, भोजन निर्माण, संत सेवा में सहयोग किया, उनका भी सम्मान किया गया। मुख्य अतिधि परियाला स्वामी, सनीष्ढा नंद सत्स्वती, पं. सुशील शुक्ला, पं. रमाकांत आचार्य, हेमा शुक्ला, शंकर कीर, गौ भक्त, कंचन कीर ,दिलखुश कीर एवं स्वयंसेवकों का सम्मान नवरतन पारीक, वीणा मानसिंहका, सीमा सिंहल, कृष्ण गोपाल कचौलिया, सुभाष बिड़‌ला, सुधांशु, संजीव गुप्ता, कन्हैया लाल मूंदडा, ओम गोयल को महाराज श्री ने दुपट्टा पहना कर सम्मान अभिनंदन किया। शांतिलाल पोरवाल ने महाराज के कथन सुनकर अपने जीवन मे हुये नव संरचना, नई विचार प्रवाह से प्रभावित घटना सुनाई। व्यास पीठ की पूजा अर्चना की गई। बंशीलाल, गोपाललाल, शिव कुमार सोडानी ने हवन अनुष्ठान अभिषेक कराया। 30 निर्धन परिवार को सुखा अनाज वितरण किया गया। कार्यकम का संचालन ट्रस्ट प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडानी ने किया।

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