आरसीएम सेवा,स्वास्थ्य और संस्कार को दे रही है प्राथमिकता, गुणवत्ता से नहीं समझौता-छाबड़ा

आरसीएम की 25वीं वर्षगांठ पर फिर दिखाई दिया आरसीएम का मेला
17 हजार किलोमीटर रााष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा का रथ रवाना
भीलवाड़ा। भारत की अग्रणी डायरेक्ट-सेलिंग कंपनी आरसीएम की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज कई सालों बाद एक फिर शहर में आरसीएम का मेला नजर आया है। इस मौके पर 17 हजार किलोमीटर की राष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा की शुरुआत आज सुबह आरसीएम ग्राउंड आदित्य विहार रथ को विधायक अशोक कोठारी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर एक जागरुकता रैली भी निकाली गई जो विभिन्न मार्गों से होकर पुन: आरसीएम ग्राउंड पहुंच कर संपन्न हुई।
आरसीएम के 25 साल पूरे होने के मौके पर आज भीलवाड़ा शहर में एक बार फिर आरसीएम का रंग नजर आया है। मंगलवार सुबह देश भर से आरसीएम के हजारों लोग कई सालों बाद भीलवाड़ा पहुंचे और 25 साल के समारोह को सेलिबे्रट किया है। बड़े तड़के नीले रंग के मोर की आकृति में बने आकर्षक आरसीएम रथ को भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रथ पर भारत के मानचित्र और विविध सांस्कृतिक कलाकृतियाँ अंकित हैं, साथ ही लिखा है - गांव-गांव, शहर-शहर, आरसीएम की चली लहर।
आरसीएम ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ छाबड़ा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह यात्रा सेवा, स्वास्थ्य और संस्कार के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से निकाली जा रही है। रथ यात्रा देशभर से आए सात से आठ हजार एसोसिएट बायर्स इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। कार्यक्रम स्थल पर सुबह 10 बजकर 30 मिनट से विभिन्न स्टॉल्स की शुरुआत हुई, जिनमें स्वास्थ्य जागरूकता और महिला सशक्तिकरण से जुड़े संदेश दिए गए।
सेवा के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें दोपहर 12 बजे तक 230 यूनिट रक्त संग्रहित हो चुका था और शाम तक यह आंकड़ा 500 यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है।
शाम 6 बजे से उद्घाटन समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित अभिनेता व कवि आशुतोष राणा मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित पुस्तक मनसा वाचा कर्मणा - एक कर्मयोगी की जीवनी का विमोचन भी किया जाएगा। साथ ही, बेहतरीन कार्य करने वाले सदस्यों को सम्मानित भी किया जाएगा।
100 दिवसीय यह रूपांतरण यात्रा करीब 17 हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए देश के 75 शहरों से गुजरेगी।
एमडी सौरभ छाबड़ा ने बताया कि वर्ष 2000 में एक टेक्सटाइल उत्पाद से शुरू हुई यह कंपनी आज 2400 करोड़ रुपये के टर्नओवर और 400 से अधिक उत्पादों के साथ देश की प्रमुख डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में शामिल हो चुकी है। आज देशभर में 20 लाख से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स जुड़े हैं, जिनमें से 4 लाख महिलाएं हैं।
एमएलएम कंपनियों को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में सौरभ छाबड़ा ने कहा कि ऐसी कंपनियां जिन पर भरोसा किया जा सकता है उनके उत्पादों को परख कर ही उनसे जुड़ा जा सकता है लेकिन अधिक लाभ और जल्दबाजी वाली कंपनियों से धोखा मिलता है। लेकिन आरसीएम प्रोडक्ट आधारित है और हर व्यक्ति के भरोसे पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि कंपनी तेजी से ग्रोथ कर रही है और एक साल में दस फीसदी बढी है। उन्होंने यह भी कहा कि आरसीएम स्वदेशी कंपनी है और वह गुणवत्ता से कहीं समझौता नहीं करती। न बिस्कुट में न नमकीन में पॉम ऑयल का उपयोग करती है। शुद्ध तेल से ही उत्पाद तैयार करती है। उन्होंने कहा कि सेवा, संस्कार और स्वास्थ्य को लेकर यह कंपनी आगे बढ रही है।सीईओ मनोज कुमार ने कहा कि यह यात्रा देश में लाखों लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। इस अवसर पर जनरल मैनेजर राजेंद्र सिंह भाटी और एचआर हेड मुकेश प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
आरसीएम के संस्थापक छाबड़ा के जीवन पर आधारित पुस्तक ष्मनसा वाचा कर्मणा - एक कर्मयोगी की जीवनी का विमोचन
इस अवसर पर, आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित पुस्तक ष्मनसा वाचा कर्मणा - एक कर्मयोगी की जीवनी का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में छाबड़ा के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उकेरा गया है, जिसमें उनके कर्मयोगी जीवन के अनमोल अनुभव और उनके जीवन के अडिग मूल्यों का गहराई से उल्लेख किया गया है। यह पुस्तक न केवल उनके व्यक्तिगत सफर को प्रकट करती है, बल्कि उनके विचारों और कार्यों के उस प्रभाव को भी उजागर करती है,
