600 से अधिक प्रतिभाएँ सम्मानित: प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनको आगे बढने का अवसर मिलता है- केन्द्रीय मंत्री चौधरी
भीलवाड़ा। प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनको आगे बढने का अवसर मिलता है। प्रतिभा व पानी अपना रास्ता स्वयं तय करती है। यह विचार भारत सरकार के केन्द्रीय राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने व्यक्त किये। वे यहां पर जिला यूनेस्को एसोसिएशन व जवाहर फाउण्डेशन तथा एलएनजे भीलवाड़ा गु्रप के तत्वावधान में आयोजित जिला स्तरीय प्रतिभावान सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोल रहे थे। ग्रामीण प्रतिभाओं के उत्थान व उन्नयन पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक केनवास और राष्ट्रीय केनवास पर सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में इन प्रतिभाओं को आगे लाना जरूरी है। मुझे खुशी है कि इस दिशा में यूनेस्को अपना कीरदार सबसे आगे रहकर और महत्वपूर्ण तरीके से अदा कर रहा है।
स्टेट फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन इन राजस्थान के स्टेट कॉर्डिनेटर गोपाल लाल माली ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवसाय नहीं है। इससे जुड़ने वाले शिक्षकों एवं संस्थाओं को समर्पण की भावना के साथ काम करना चाहिए। अध्यापकों को भी विद्यार्थियों की जिंदगी बदलने का संकल्प लेकर अध्यापन से जुड़ना चाहिए। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा। अतः हमें अपने बच्चों को वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप शिक्षित करना होगा।
नगर निगम के टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय प्रतिभावान सम्मान समारोह में नगर निगम के महापौर राकेश पाठक, भाजपा ज़िला अध्यक्ष प्रशांत मेवाडा, जिन्दल सॉ लि. के एचआर हेड एस.बी. सिन्हा, चीफ ऑपरेटर ऑफिसर मयूर मील गुलाबपुरा संजय कुमार तिवारी, जवाहर फाउण्डेशन के ट्रस्टी एवं प्रभारी रजनीश वर्मा, प्रदेश महामंत्री जेपी भटनागर, जिला यूनेस्को एसोसिएशन के अध्यक्ष चेतन मानसिंहका, कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश कुमार जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित अग्रवाल, सचिव जगदीश मून्दड़ा मंच पर उपस्थित थे। एलएनजे गु्रप भीलवाड़ा के चेयरमेन रिजु झुनझुनवाला ने भी समारोह को वीडियों क्रोन्फेसिंग के माध्यम से संबोधित किया।
जिला यूनेस्को एसोसिएशन की प्रवक्ता मधु लोढा ने बताया कि समारोह में 600 से अधिक प्रतिभाओं का सम्मान किया गया, जिसमें 12वीं की 395, 10वी की 185, स्नातक एवं स्नोत्तकोतर की 45, खेलकूद व अन्य क्षेत्र की 90 प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। समारोह से पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। अपारजन समूह ने तालियों की गूंज से प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर हौसला बढ़ाते रहे। वक्ताओं एवम् अतिथियों ने इस कार्यक्रम को भीलवाड़ा ज़िले का ऐतिहासिक कार्यक्रम बताते हुए सभी सम्मानित प्रतिभाओं को शुभमनाये दी।
समारोह में पहुंचे सभी आगन्तुकों व अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। समारोह के अंत में अध्यक्ष चेतन मानसिंहका ने इस एतिहासिक समारोह के सफल आयोजन के लिए एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों एवं आंगतुकों, अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन मधु लोढ़ा, प्रधानाचार्य डॉ. शांतिलाल छापरवाल व कन्हैयालाल माली ने किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष दिनेश अरोड़ा, कोषाध्यक्ष विशाल विजयवर्गीय, सहकोषाध्यक्ष हरनारायण माली, प्रवक्ता मधु लोढ़ा, संगठन सचिव ओम उज्ज्वल, कमलेश जाजू, निदेशक विजय कोठारी, चिरंजीलाल टांक, मधुबाला महाजन, संजय शर्मा, शंकर लाल गोयल, कल्पेश चौधरी, तेजकरण बहेड़िया, भगत प्रजापत, बाबू लाल टाँक, भैरु लाल माली, नानुराम ग़ोयल, लोकेंद्र पांडिया, राकेश सिन्हा, रमेश चंद्र शर्मा, पवन गुप्ता, सुमन दुग्गड़, दिव्या बहेड़िया, ज़िम्मी बागचार, श्रृष्टि सिंह, सत्यनारायण व्यास मधुप सहित यूनेस्को के सैकड़ों सदस्य व हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ उनके माता-पिता भी मौजूद थे।