खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण द्वारा करें स्वरोजगार स्थापित- डॉ. शर्मा

खुदरा उर्वरक विक्रेता प्रशिक्षण द्वारा करें स्वरोजगार स्थापित- डॉ. शर्मा
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भीलवाड़ा। कृषि विज्ञान केन्द्र पर खुदरा उर्वरक विक्रेताओं हेतु 15 दिवसीय पाठ्यक्रम प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी. एम. यादव ने बताया कि यह प्रशिक्षण दिनांक 3 अक्टूबर 2024 तक चलेगा। प्रशिक्षण में 35 प्रशिक्षणार्थियों का पंजीयन किया जा चुका है। डॉ. यादव ने बताया कि यह प्रशिक्षण उन लोगों के लिए है जो उर्वरक व्यवसाय शुरू करना चाहते है, भले ही उनके पास कृषि या रसायन विज्ञान में डिग्री न हो। यह पाठ्यक्रम उन लोगों के लिए भी है जो पहले से ही उर्वरक बेचते है और इनपुट डीलरों के लिए कृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते है।

प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि डॉ रामावतार शर्मा, अतिरिक्त निदेशक कृषि खण्ड़, भीलवाड़ा ने जिले में उर्वरकों की मांग, आपूर्ति एवं संभावनाओं पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षणार्थियों को आह्वान किया कि जो युवा अपने गाँव या कस्बे में स्वरोजगार शुरू करना चाहते है, उनके लिए यह शानदार मौका है कि वे मात्र 15 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त कर खाद उर्वरक बेचने का लाईसेन्स प्राप्त कर सकेंगे। कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा के सेवानिवृत्त अधिष्ठाता डॉ. एस.डी. धाकड़ ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर युवाओं का आर्थिक सम्बल होगा तथा उर्वरकों का प्रमाणीकरण गुणवत्ता एवं पाश मशीन की तकनीकी जानकारी से रूबरू होगें।

डॉ. के. सी. नागर, प्रोफेसर शस्य विज्ञान ने बताया कि यह प्रशिक्षण उर्वरक डीलरों के लिए लाईसेन्स प्राप्त करने में मदद करता है तथा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में व्यावहारिक एवं सैद्धान्तिक आधारित है। प्रशिक्षण विषय में शामिल विषयों में रासायनिक उर्वरकों के प्रकार, पौधों पर उर्वरकों का उपयोग कैसे करे तथा सन्तुलित तरीके से उर्वरकों का उपयोग कैसे करे प्रमुख है। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।

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