टैरिफ निर्धारण याचिका पर विद्युत नियामक आयोग को रिव्यू पिटीशन दायर

भीलवाडा टैरिफ निर्धारण याचिका पर विद्युत नियामक आयोग को रिव्यू पिटीशन दायर
। मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की ओर से अजमेर विद्युत वितरण निगम की ओर से वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ निर्धारण याचिका पर विद्युत नियामक आयोग को रिव्यू पिटीशन दायर की है। मेवाड़ चैम्बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि वर्ष 2025-26 के प्रस्ताव में अजमेर विद्युत निगम की ओर से दाखिल याचिका में अप्रत्यक्ष रूप से विद्युत दरों में डेढ से दो रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने के प्रस्ताव शामिल है।
अजमेर निगम की ओर से इस वर्ष टैरिफ संतुलन के नाम पर एक रुपये प्रति यूनिट से रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव किया है। जैन ने कहा कि निगम पहले ही इस मद में फ्यूल सरचार्ज वसूल कर रहा है और उसके लिए आवश्यक कानून भी है। नये सरचार्ज के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से फ्यूल सरचार्ज को एक रुपये तक बढ़ाने की बात की जा रही है। वर्तमान मंे फ्यूल सरचार्ज की 28 पैसा प्रति यूनिट से लिया जा रहा है। बाजार में कोल सस्ता होने, सौर ऊर्जा उपलब्ध होने से जनवरी-मार्च 2025 अवधि में वास्तविक फ्यूल सरचार्ज की गणना करने पर यह लगभग 8 पैसा प्रति यूनिट ही होता है। उपभोक्ताओं से अधिक वसूला गया सरचार्ज रिफंड करने के बजाय नया अधिभार लगाने का प्रस्ताव है जो कि विद्युत लागत को 15 प्रतिशत से बढ़ा देगा। इसके साथ स्थाई शुल्क 300 रुपये प्रति केवीए से बढ़ाकर 380 रुपये प्रति केवीए का प्रस्ताव किया गया है, जो कि असाधारण वृद्धि है, चैम्बर ने इसका विरोध करते हुए स्थाई शुल्क को पूर्व के स्तर पर रखने की मांग की गई है।
नये एच.टी. उपभोक्ताओं को छूट की अवधि को कम कर प्रथम 12 माह तक ही देने का प्रस्ताव किया गया है जबकि पूर्व में यह 5 वर्ष तक दिया जा रहा था। चैम्बर ने मांग की है कि नये उद्योग को जमने में 3 से 5 वर्ष लगते हैं, अतः इसको 5 वर्ष के बाद में मासिक इंक्रिमेंटल रिबेट के रूप में लागू किया जाना चाहिए।
औद्योगिक क्षेत्रों में भी ट्रिपिंग बहुत अधिक है, इसके समाधान हेतु निर्धारित प्रोटेक्शन उपकरण व निर्धारित अर्थिंग तथा लाइनों पर लगातार अर्थ वायर नियमित रूप से अर्थ रेजिस्टेंस मापन व सुधार हेतु निगम द्वारा वर्तमान में की गयी व्यवस्था की जानी चाहिए।
इस याचिका में निगम ने इस ‘टी.ओ.डी.’ टैरिफ में वर्तमान में मध्यान्ह (12.00) से सायं 4 बजे तक मिल रही छूट को 10 प्रतिशत करना पूर्णतया अनुचित है। इसके बजाय यदि प्रातः 8 बजे से सायं 4 बजे तक व रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक उद्योगों को अन्य राज्यों के समान 25 प्रतिशत छूट दी जावे, तो उद्योग भी लाभान्वित होंगे तथा राजस्थान के विद्युत वितरण निगम भी लाभ में रहेंगे तथा ऊर्जा संतुलन भी सुधरेगा। टीओडी मीटरिंग सुविधा युक्त सभी मध्यम व् वृहद उद्योगों को सम्मिलित किया जाना चाहिए ।