हिंदू सभा में गरजी साध्वी सरस्वती, 2100 बेटियों को दिलाई कटार दीक्षा

हिंदू सभा में गरजी साध्वी सरस्वती, 2100 बेटियों को दिलाई कटार दीक्षा
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भीलवाड़ा। दुर्गा शक्ति अखाड़े का आज आठवां स्थापना दिवस है। माली समाज के नोहरे से हजारों बहनों ने शौर्य संचलन निकाला। सब तरफ भगवा ही भगवा था। राष्ट्रीय कथा वाचक, मोटिवेशनल स्पीकर साध्वी सरस्वती भी ओपन कार में सवार थी। विभिन्न मार्गों से होते हुए संचलन आजाद चौक मैदान में पहुंचा। यहां हिंदू सभा हुई। 2100 बहनों को कटार दीक्षा दी गई। इसमें राष्ट्रीय कथा वाचक, मोटिवेशनल स्पीकर साध्वी सरस्वती ने जमकर गरजी। प्रमुख वक्ता के रूप में उन्होंने बहनों से कहा-बहुत बन ली पापा की परियां। अब हमें चंडी, काली, दुर्गा बनना है। ये कटार जो दी है, समय आए तो इसी से विधर्मी का सर काट देना। उन्होंने लव जिहाद, लैंड जिहाद, रेल जिहाद पर आक्रामकता दिखाई। वे शेरनी वाले अंदाज में बोली-आज 2100 बहनों को कटार दीक्षा दी जा रही। किसी भी परिस्थिति में हिम्मत मत हारना। कपड़े आदि भले ही मत खरीदना, लेकिन कटार आपके हाथों में होनी चाहिए। स्कूल, कॉलेज, बाजार जहां भी जाओ, कटार को साथ लेकर जाना। हम रानी लक्ष्मी बाई, पद्मिनी के वंशज हैं, कायर नहीं है। जहां भी जरूरत पड़े चंडी, काली, दुर्गा बन जाना। समय आए तो इसी कटार से विधर्मी का सर काट देना। एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में भाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौमाता, शस्त्र, शास्त्र की रक्षा, देश की रक्षा, स्त्री के स्मान, देवी-देवताओं की रक्षा के लिए शस्त्र उठाएं तो पाप नहीं लगता।

उन्होंने कहा-बेटियों को परांठे बनाना आए या नहीं, कराटे और कटार चलाना आना चाहिए। सभा में श्री निंबार्क आश्रम महंत मोहनशरण जी शास्त्री, भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, विहिप प्रांत उपाध्यक्ष मि_लाल स्वर्णकार, लघु भारती ने भी विचार व्यक्त किए। महंत बनवारी शरण कांठिया बाबा, रपट के बालाजी महंत बलराम दास जी, चित्तौड़ प्रांत उपाध्यक्ष रविंद्र जाजू, हिंदू जागरण मंच सह संयोजक सुभाष बाहेती आदि मंचासीन थे।

जिसे सिलेंडर महंगा लगता था, अब वे पटरियों पर डालने लगे

साध्वी सरस्वती ने कहा-अब वे रेल जिहाद करने लगे हैं। नरेंद्र मोदी के राज में जिन्हें सिलेंडर महंगा लगता था, अब वे उसी सिलेंडर को रेल पटरियों पर डालने लगे हैं। वे निजामुद्दीन पर पत्थर नहीं फेंकते। वे वंदे भारत पर पत्थर फेंकते हैं। व€फ बोर्ड होना ही नहीं चाहिए साध्वी सरस्वती ने व€फ बोर्ड की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इसके संशोधन की जरूरत नहीं है। व€फ बोर्ड तो होना ही नहीं चाहिए। ये पूरी तरह खत्म होना चाहिए। भाईचारे की बात पर उन्होंने कहा कि व€क्फ अपनी जमीनों को गरीब किसानों को दान कर दें इससे बड़ी भाईचारे की बात हो नहीं सकती। यदि वे ऐसा करते हैं तो मैं सबसे पहले उन्हें गले लगाऊंगी।

गरबा में जाएं पर पूृरे वस्त्र पहनकर

साध्वी ने कहा कि नवरात्र का पर्व मां की साधना का है। आप सोलह श्रृंगार कर पूरे वस्त्र पहनकर जाएं। मां के सामने नृत्य करें, लेकिन आधे वस्त्र पहन कर नहीं। आयोजक पंडाल में आधार कार्ड देखकर, तिलक लगाकर व कलेवा बांधकर आने वालों को प्रवेश दें।

इन घटनाओं पर भी गुस्सा जताया

साध्वी सरस्वती ने कुछ दिनों पूर्व शाहपुरा में गणेश पांडाल में मांस फेेंकने, जन्माष्टमी पर गौमाता की पूंछ काटने, जहाजपुर में ठाकुर जी के बेवाण पर पत्थर फेंकने जैसी घटनाओं पर भी गुस्सा जताया। उन्होंने कहा-जहाजपुर में ठाकुर जी भी अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने शेर-शायरी के जरिये अपनी बातें कही।

गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करें

साध्वी सरस्वती ने ने सबसे आह्वान किया कि हिंदू तिलक लगाएं। अपनी दुकानों के बाहर बोर्ड पर वराह अवतार का चित्र लगाएं। केंद्र सरकार से गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने दसवें स्थापना दिवस पर साध्वी सरस्वती फाउंडेशन द्वारा भीलवाड़ा में दुर्गा शक्ति की बहनों को पेपर स्प्रे उपहार में देने की घोषणा की। तलवारें व गदा भेंट, लगे जयकारे साध्वी सरस्वती ने माइक पर आते ही बहनों से दोनों हाथ ऊपर उठा मुट्ठियां भिंचवाकर भारत माता, हिंदू राष्ट्र हिंदू धर्म, महाराणा प्रताप, एकलिंग नाथ भगवान चारभुजानाथ, श्रीराम के जयकारे लगवाए। अतिथियों व आयोजकों ने साध्वी सरस्वती को गदा तथा दो तलवार भेंट की।

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