सरदार जी का खेड़ा स्कूल की जर्जर हालत, दीवारे में दरारें, टपकता पानी, किया सील

सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- शिक्षित होना और शिक्षा व्यवस्था का मजबूत होना आज के समय में बेहद जरूरी है । शिक्षा जहां दी जाती है और जहां बच्चे शिक्षित होते हैं, उस जगह का सुरक्षित होना भी आवश्यक है। विद्यालय जहां आप शिक्षा पाकर ही अपने आप को, अपने परिवार और अपने समाज को सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन अगर वही जगह सुरक्षित महसूस न करवा पाए तो? मतलब जहां आप बैठकर शिक्षा ले रहे हो या शिक्षा दे रहे हो तो क्या विद्यालय के ढांचे में वो मजबूती है? जिससे आप ध्यान लगाकर ये काम पूरा कर सको। यदि स्कूल की इमारत ही जर्जर हो या उनकी दीवारों और छत इतनी कमजोर हो कि देखकर हमेशा ये डर बना रहे की अभी गिर जाएगी । गत दिनों झालावाड़ जिले के पीपलोदी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का हादसा इसकी सच्चाई है, जिसका कमरा छत सहित एकाएक भर-भरा कर धराशाई हो गया, जिसके नीचे दबने से सात मासूम बच्चों की मौत हो गई, वही कई बच्चे घायल हो गए । ग्रामीण करण वैष्णव ने बताया कि मांडलगढ़ पंचायत समिति के दौलपुरा के सरदार जी का खेड़ा गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का जर्जर भवन खतरों से कम नहीं है, क्योंकि यहां के भवन की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है, वही जर्जर भवन के कमरों में दीवारों में दर्जनों दरारें आ रही हैं, बारिश के समय विद्यालय की छत से पानी टपकता है, वही विद्यालय के भवन के सामने रोड की ऊंचाई होने के चलते विद्यालय परिसर में पानी भरा रहता है, भरे पानी से होकर बच्चे स्कूल में जाते हैं, परिसर में पानी भरा रहने के चलते बच्चों को डेंगू, मलेरिया जैसी कहीं मौसमी बीमारियों का भयं बना रहता है, तीन कमरों के विद्यालय में से एक कमरे में ऑफिस तो दो कमरों में पांच कक्षाएं चलती हैं, जिसमें 60-70 मासूम बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिनके साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, स्कूल के एक कमरे के आगे बरामदा तक नहीं बना हुआ है । इसको लेकर ग्रामीणों कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया गया, लेकिन फिर भी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ । मंगलवार को जांच के बाद विद्यालय को सील कर दिया गया ।।