ग्राम पंचायतों को भीलवाड़ा नगर निगम में शामिल करने पर कलेक्ट्रेट कार्यालय पर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

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भीलवाड़ा । पंचायत समिति सुवाणा की 8 ग्राम पंचायतों को भीलवाडा नगर निगम में शामिल किये जाने के विरोध में आज पंचायत बचाओ संघर्ष समिति द्वारा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा ।

सभा को सम्बोधित करते हुए पंचायत बचाओ संघर्ष समिति के राजेश चौधरी ने बताया कि इन 23 राजस्व गांवो को नगर निगम में शामिल किये जाने से इन गांवो के ग्रामवासियो को रोजमर्रा के कार्यो में काफी परेशानी होगी एवं इन गांवो में चल रहे नरेगा योजना जो इन ग्रामीणो के जीवनयापन का मुख्य आधार है बन्द हो जायेगी। इसके अलावा इन गांवो से निगम मुख्यालय की दूरी 10-12 कि.मी. दूरी पर स्थित है, जिससे रोजमर्रा के काम आम व्यक्ति द्वारा करा पाना मुश्किल हो जायेगा। इसलिए इन 23 राजस्व गांवो को नगर निगम में शामिल नहीं करे एवं पूर्व में अधिसूचना जारी हुई उसे तुरन्त निरस्त करें।

सरपंच संघ पंचायत समिति सुवाणा के अध्यक्ष अमित चौधरी ने कहा कि इन ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल नहीं किये जाने पर हमने पूर्व में भी जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया । इसके बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा जो अधिसूचना जारी की उसका पुरजोर विरोध करते है। नगर निगम में शामिल किये जाने पर इन राजस्व गांवों की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण हो जायेगें।

हलेड़ के पूर्व सरपंच बालूलाल आचार्य ने कहा कि इन राजस्व गांवो में 80 प्रतिशत आबादी अभी भी कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है। निगम में जाने पर कृषि पशुपालन पर विपरीत प्रभाव पडेगा तथा आमजन का छोटे छोटे कामो के लिए 10-12 किमी दूरी निगम कार्यालय पर आना पडेगा जो इन ग्रामवासीयो के लिए बडी मुश्किल का सामना करना पडे़गा।

पांसल के पूर्व सरपंच छोटूलाल जाट ने कहा कि हम राज्य सरकार से मांग करते है इन राजस्व गांवो को नगर निगम में शामिल किये जाने की अधिसूचना को राज्य सरकार वापिस लेवें। अगर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना को वापिस नहीं लिया जाता तो आगे ग्रामवासियो को साथ लेकर आन्दोलना एवं प्रदर्शन किया जायेगा जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।

पालड़ी के पूर्व सरपंच देवेन्द्रसिंह ने सम्बोधित करते कहा कि हम ग्रामवासियो को निगम में शामिल नहीं होना है आने वाले समय में निगम में शामिल होने के बाद ग्रामीणो को काफी समस्याओं का सामना करना पडेगा जिसका हम पुरजोर शब्दो में विरोध करते है।

कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट भैरूलाल बैरवा ने किया। इसके बाद उपस्थित ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूषो ने हाथ में तख्ती एवं बैनर लेकर जिला कलेक्टरी के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी कर विरोध जताया।

इस अवसर पर पालडी सरपंच गोपाल जाट, गठीला खेडा सरपंच रेखा बलाई, पांसल सरपंच मनसादेवी भील, हलेड सरपचं लाडदेवी आचार्य , आरजिया सरपंच पूर्णिमा कंवर, पंचायत समिति सदस्य शरद सिंह, पंचायत समिति सदस्य गोपाल गुर्जर, पांसल जीएसएस अध्यक्ष बद्रीलाल जाट, पूर्व पंचायत समिति सदस्य अर्जूनसिंह, पांसल के पूर्व सरपंच भैरूलाल गाडरी, सुवाणा के पूर्व सरपंच जीवराज जाट, पांसल के पूर्व सरपंच राधेश्याम बलाई, अमरचंद माली, पांसल के पूर्व सरपंच भैरूलाल गाडरी सहित सैकडों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं एवं पुरूष उपस्थित होकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपना विरोध जताया।

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