फसलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीजोपचार आवश्यक – कृषि विभाग

भीलवाड़ा। कृषि विभाग के तत्वावधान में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से बीजोपचार कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कृषकों को शत-प्रतिशत बीजोपचार करने की सलाह दी गई।
कृषि विभाग के सहायक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए बीजोपचार आवश्यक है। बीज उपचार करने से बीज को रोगों और कीटों से सुरक्षा मिलती है, साथ ही अंकुरण क्षमता और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि फसलों को रोगों एवं कीटों से बचाने के लिए विभागीय सिफारिश अनुसार बीजोपचार अवश्य करना चाहिए।
डॉ. राठौड़ ने आगे बताया कि इस वर्ष मानसून की अच्छी वर्षा के कारण जिले के बांधों, जलाशयों एवं फॉर्म पौंड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता है, जिसके फलस्वरूप रबी सीजन में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई के समय किसान फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी का अधिक उपयोग करते हैं। केवल डीएपी पर अधिक निर्भरता के कारण मांग एवं आपूर्ति का संतुलन बिगड़ जाता है तथा भूमि में पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति नहीं हो पाती।
कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने किसानों से आग्रह किया कि मृदा जनित और वायु जनित रोगों से बचाव के लिए बीजोपचार अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बीजोपचार करते समय हाथों में दस्ताने, मुंह पर मास्क तथा पूरे वस्त्र पहनने चाहिए। बीजोपचार करने से कम खर्च में अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। किसानों को सलाह दी गई कि वे अपना बीज एवं दवा लेकर ग्राम पंचायत में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई बीजोपचार मशीन से नि:शुल्क बीजोपचार कर सकते हैं।
इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी संगीता महरानिया, कृषि पर्यवेक्षक मान सिंह मीणा, कृषक मित्र भूरा लाल कुमावत, लक्ष्मण लाल जाट, नारायण सिंह, रामेश्वर प्रजापत, सीता गुर्जर सहित अनेक प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
