खनिज घोटाला उजागर:: बिना रॉयल्टी पास के वाहन निकालने पर वरिष्ठ सहायक निलंबित

बिना रॉयल्टी पास के वाहन निकालने पर वरिष्ठ सहायक निलंबित
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रसीदों में कांट-छांट कर वाहनों को किया रवाना, सरकार को हुआ नुकसान

भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया खनिज विभाग के वरिष्ठ सहायक महेन्द्र कुमार सेन को बिना रॉयल्टी पास के खनिज से भरे वाहन को नाके से निकालने और रसीदों में हेराफेरी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। कार्रवाई खान निदेशक दीपक तंवर (उदयपुर) ने करते हुए सेन को जैसलमेर मुख्यालय में अटैच कर दिया है।

विजिलेंस जांच में बड़ा खुलासा

अतिरिक्त खान निदेशक पीआर आमेटा की ओर से की गई शिकायत पर पहले महेन्द्र सेन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसने तथ्यों को छिपाते हुए गलत जानकारी दी। इसके बाद अधीक्षण खनि अभियंता (सतर्कता), भीलवाड़ा द्वारा की गई जांच में उसके खिलाफ आरोप सिद्ध हो गए।

तीन महीने पुरानी रसीद से निकाला गया वाहन

जांच में सामने आया कि 8 जुलाई 2024 को वाहन RJ 37 GA 7222 को बिना वैध रॉयल्टी रसीद के आरोली टोल नाके से मेनाल की ओर रवाना किया गया। इस दौरान 2 अप्रैल 2024 को दूसरे वाहन RJ 03 GA 4790 के नाम जारी पुरानी रसीद (संख्या 0014483) का उपयोग किया गया।

रसीदों में कांट-छांट, हस्तलिखित रसीद से इनकार

महेंद्र सेन ने जांच में यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि रसीद पर हस्ताक्षर उसकी राइटिंग नहीं है, लेकिन साक्ष्यों से साबित हुआ कि वह पुरानी रसीदों में कांट-छांट कर नई रसीदें बनाकर खनिज युक्त वाहनों को अवैध रूप से पास करता था।

इस अवैध कार्य से सरकार को ₹7690 का सीधा नुकसान हुआ है। खनिज अभियंता प्रवीण अग्रवाल ने जैसे ही निलंबन आदेश प्राप्त किया, सेन को तुरंत कार्यमुक्त कर दिया गया।

और भी मामले खुलने की संभावना

इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ऐसे और भी मामलों की परतें खुल सकती हैं, जहां खान विभाग के कर्मचारी वाहन मालिकों से मिलीभगत कर राजस्व को चूना लगा रहे हैं।

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