श्री नाकोड़ा भैरवनाथ के 40 दिवसीय बिना जल और भोजन के कठोर साधना शुरू

श्री नाकोड़ा भैरवनाथ के 40 दिवसीय बिना जल और भोजन के कठोर साधना शुरू
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भीलवाड़ा/चित्तौड़गढ़:– हमीरगढ़ कस्बे से तीन किलोमीटर दूर स्थित सादी ग्राम स्थित नाकोड़ा भैरवनाथ मंदिर पर पुजारी धनराज शर्मा की 90 दिवसीय साधना में 50 दिन केवल पूरे दिन एक चम्मच गोमूत्र सेवन और धार्मिक अनुष्ठान से पूर्ण करके शेष 40 दिवसीय कठोर साधना 2 सितम्बर से शुरू हुई जो 11 अक्टूबर तक पूर्ण होगी!

सादी ग्राम स्थित प्राचीन सगस जी महाराज के स्थान पर सन् 2020 में कोरोना काल खंड के समय श्री नाकोड़ा भैरवनाथ यहां पर धूमधाम से विराजमान हुए, तभी से हर वर्ष यहां के पुजारी धनराज शर्मा श्री नाकोड़ा भैरवनाथ के आदेश से तपस्या कर रहे है, इस वर्ष उनको 90 दिवस की साधना का आदेश हुआ ओर 12 जुलाई से ही साधना शुरू कर दी! अब शेष 40 दिवसीय कठोर साधना में एक पांव पर चालीस दिन खड़े रहना, चालीस दिन बिना नींद निकाले, बिना भोजन, बिना जल के साधना करना, लगातार माला से जप करना और एक माला पूर्ण होते ही श्रीफल के गोले की आहूति देना, गोला, शक्कर और देशी घी की आहूति लगातार चालीस दिन चलेगी!

"तपस्वी रत्न" पुजारी धनराज शर्मा की कठोर तपस्या देखने, देवस्थान के दर्शन लेने सैकड़ों भक्तों का प्रतिदिन तांता लगा हुआ है!

2 सितम्बर मंगलवार को हजारों भक्तों की उपस्तिथि में विद्वान पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ विभिन्न औषधि जल से कन्याओं के करकमलों से स्नान करवाया, साधना में जाने से पूर्व सभी देव स्थान के दर्शन किए, पूज्य संतो से आशीर्वाद लिया, परिजनों और भक्तों को प्रणाम करके साधना के लिए बनाई गई विशेष पर्ण कुटिया में प्रवेश किया!

90 दिवसीय साधना में प्रतिदिन कन्याभोज, गौमाताओं को चारा, कबूतरों को दाना के अलावा भक्तों द्वारा सत्संग, सुंदरकांड पाठ, कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जा रहे! कोई भी भक्त 24 घंटे कभी दी दर्शन को मंदिर जा सकता है!

40 दिवसीय कठोर साधना में जाने से पूर्व पुजारी धनराज शर्मा ने बताया की यह साधना सगस जी ओर नाकोड़ा भैरवनाथ के आदेश से ही हो रही हे, यह साधना इस स्थान को और अधिक शक्ति मिले उसके लिए ही आदेश मिला है, सभी भक्तो की मनोकामना पूर्ण हो, पूरे विश्व का कल्याण हो उसके लिए ही साधना हो रही है, श्री नाकोड़ा भैरवनाथ की हार्दिक ईच्छा है की में मेरे आराध्य देव भगवान पार्श्वनाथ जी के बिना में यहां अधूरा हु, उनका यहां भव्य मंदिर बने और यहां धूमधाम से विराजमान हो, सब भक्तों पर उनकी कृपा हो, उसके लिए यह साधना करे, उनके ही आदेश का में पालन कर रहा हु! पुजारी धनराज शर्मा के द्वारा यह साधना पांचवे वर्ष भी हो रही है! पर्ण कुटिया में प्रवेश के समय पूज्य संतों का सान्निध्य और नगर परिषद के पूर्व सभापति ओम नाराणीवाल, विश्व हिंदू परिषद के बद्री लाल सोमानी, विशाल आंचलिया, निलेश पटवारी,मयंक तोमर, केदार सोमानी, मानवेंद्र लोढ़ा,विक्रम सिंह सादी,रतन लाल मूंदड़ा, अशोक हिंगड, बालू दास वैष्णव, प्रदीप चौधरी, घनश्याम सिंह चूंडावत, गौतम बाफना, निलेश कुमार, सागर बाफना, ज्ञान मल, महेंद्र बाफना, खुमान सिंह, मोहन लाल जाट, दुर्गा सिंह, गजेन्द्र सिंह, चेन सिंह, मोहन लाल वैष्णव, हर्षित शर्मा, आशीष जाट, मनीष शर्मा सहित हजारों भक्त उपस्थित थे!

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