थैलेसीमिया दिवस पर विशेष: बहन ने बोन मैरो देवर बचाई थैलेसीमिया पीड़ित भाई की जान, रक्त वीर विक्रम दादी से निभाई अहम भूमिका

बहन ने बोन मैरो देवर बचाई थैलेसीमिया पीड़ित भाई की जान, रक्त वीर विक्रम दादी से निभाई अहम भूमिका
X

थैलेसीमिया एक अनुवांशिक विकार है जो थैलेसीमिया माइनर माता-पिता के संयोजन से उनकी संतान में थैलेसीमिया मैजर के रूप में यह विकार आता है। आमजन की जागरूकता और इस बीमारी के रोकथाम के लिए शादी से पहले या दंपति को संतान उत्पत्ति से पूर्व रक्त के माध्यम से थैलेसीमिया जांच करानी चाहिए।।अगर दोनों ही इस बीमारी के कैरियर हो तो ये शादी रोके या 14 हफ्तों की प्रेग्नेसी पर CVS टेस्ट करवाकर होने वाले संतान में इस संभावित बीमारी की जांच करवा कर ऐसे बच्चों को जन्म लेने से रोका जा सकता है।

थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे



वर्तमान में भीलवाड़ा में थैलेसीमिया पीड़ित लगभग 75 बच्चे है जिनको राजकीय महात्मा गांधी अस्पताल में नियमित हर महीने रक्त की जरूरत पड़ती है । थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को इस बीमारी से पूर्ण निजात दिलाने के लिए बोन मैरो ट्रांसफर या फिर स्टेम सेल ट्रांसफर ही कारगर उपाय है। जो कि उनके सगे भाई बहन से ही मिलने की पूर्ण संभावना होती है इससे उनका H L A टेस्ट किया जाता है। जिसकी निश्चित मात्रा मिलने पर ही उनका बोन मैरो या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त माने जाते। समय-समय पर HLA जांच शिविर का आयोजन करवाया जाता है। इसी क्रम में



गुलाबपुरा भीलवाड़ा के आदर्श नगर ग्राम के 9 वर्षीय सात बहनों के भाई राज कटात का 22 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित महात्मा गांधी हॉस्पिटल एवं साउथ ईस्ट एशिया इंस्टीट्यूट फॉर थैलासीमिया एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष और समर्पण फाउंडेशन भीलवाड़ा रक्तबीर विक्रम दाधीच के सार्थक प्रयासों से सफल निशुल्क बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया ।।



पूर्व में 22 जून 2024 को समर्पण फाउंडेशन के संदीप जैन आलोक जाजू के सहयोग से RVRS मेडिकल कॉलेज में HLA जांच शिविर का आयोजन हुआ उसमें राज का उसकी 14 वर्षीय बहन पायल का HLA 100% मैच हुआ ।। राज सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद 3 महीने अस्पताल में और इसके पश्चात 3 महीने कविता केयर सेंटर में रहा।। अब वह अपने गांव में ही स्थित घर में अगले 6 माह के लिए आइसोलेट है बीते 6 माह में उसे एक भी बार रक्त की जरूरत नहीं पड़ी और वह पूर्णता स्वस्थ है ।।

इस पुनीत कार्य में भीलवाड़ा के पूर्व कलेक्टर नमित मेहता मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्राचार्य श्रीमती वर्षा सिंह एवं सीएमएचओ चेतन पुरी गोस्वामी महात्मा गांधी हॉस्पिटल के पीएमओ डॉ अरुण गोड एवं पंडित आशुतोष शर्मा का समर्पण फाउंडेशन को सदैव प्रोत्साहित एवं सहयोग किया।

उल्लेखनीय की रक्त वीर विक्रम दाधीच भीलवाड़ा ही नहीं बल्कि देश के करीब राज्यों और जिलों में गंभीर मरीजों को खून उपलब्ध कराने के लिए पहचान जाते हैं भीलवाड़ा में तो अगर कोई भी जरूरतमंद उनके पास चला जाता है तो वह अपना सारा काम धाम छोड़कर उसके साथ लग जाते है। अब तक वह सैकड़ो लोगों को खून उपलब्ध करा कर उनकी जान बचा चुके हैं उनका कहना है कि वह जब तक जिंदा है वह सेवा करते रहेंगे

Tags

Next Story