जीवन का हर पल श्रेष्ठ कर्मों में लगाएं: स्वामी अच्युतानंद

जीवन का हर पल श्रेष्ठ कर्मों में लगाएं: स्वामी अच्युतानंद
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भीलवाड़ा । श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट द्वारा रामधाम में आयोजित चातुर्मास प्रवचन में केदारखण्ड, अगस्त्य मुनि आश्रम से पधारे स्वामी अच्युतानंद ने भक्तों को "जीवन अमूल्य है" का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन का हर क्षण अनमोल है, जिसे व्यर्थ की बातों, विवादों और अहंकार में नहीं गंवाना चाहिए। यह शरीर परमात्मा को पाने, सेवा करने और प्रेम बांटने का दुर्लभ अवसर है। स्वामी ने युवाओं को विशेष रूप से प्रेरित करते हुए कहा कि आज का समय मोबाइल और सोशल मीडिया में बर्बाद हो रहा है, जबकि युवावस्था को तप, अध्ययन और साधना में लगाना चाहिए। उन्होंने तुलसीदास और भरत के उदाहरण दिए कि कैसे संतों और महापुरुषों ने अपने जीवन का हर पल प्रभु सेवा में समर्पित किया। उन्होंने कहा, “जो क्षण अभी है, वही तुम्हारा है। कल पर कुछ मत छोड़ो।” उन्होंने सुझाव दिया कि सुबह की शुरुआत प्रभु स्मरण से, दिन का हर कर्म सेवा से और रात आत्मनिरीक्षण के साथ होनी चाहिए। स्वामी ने अंत में कहा कि मृत्यु के समय कोई पछतावा न रहे, इसलिए जीवन का हर पल संतोष और आनंद के साथ जिएं। ट्रस्ट के सचिव अभिषेक अग्रवाल व प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि चातुर्मास प्रवचन प्रतिदिन सुबह 9 बजे हो रहा है। इसके अतिरिक्त, श्रावण मास में शिवालय में विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पंडित सुशील शुक्ला, पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू आचार्य सहित अन्य विद्वान पंडितों के मंत्रोचार के बीच प्रतिदिन सुबह और शाम भगवान शिव का अभिषेक और श्रृंगार किया जा रहा है, जिससे रामधाम का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

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