चारागाह संरक्षण, प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण पर होगा राज्यस्तरीय समागम 30 व 31 अगस्त को, भैया जी जोशी देंगे मार्गदर्शन
भीलवाड़ा। सरोज देवी फाउंडेशन, अपना संस्थान, एफईएस एवं गोयल ग्रामीण विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे सुविचार अभियान (सुरभी विहार चारागाह रक्षण अभियान) के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाह एवं वर्तमान में अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री सुरेश जोशी (भैया जी जोशी) का दो दिवसीय प्रवास कार्यक्रम आयोजित होगा। यह कार्यक्रम 30 और 31 अगस्त को आरसीएम वर्ल्ड, स्वरूपगंज, रिको ग्रोथ सेंटर, भीलवाड़ा में आयोजित किया जाएगा।
इस संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता को आरसीएम समूह एवं सरोज देवी फाउंडेशन के संरक्षक तिलोकचंद छाबड़ा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाहक डॉ. शंकरलाल माली, अपना संस्थान के राजस्थान क्षेत्र प्रमुख विनोद मेलाना तथा एफईएस के राजस्थान हेड शांतनुराय सिन्हा ने संबोधित किया।
प्रेस वार्ता में बताया गया कि सुविचार अभियान का मुख्य उद्देश्य चारागाह विकास, प्राकृतिक (रसायन मुक्त) खेती तथा जल संरक्षण है। इस दिशा में कार्य कर रहे प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं का समागम इस कार्यक्रम में होगा। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास, गौ सेवा तथा भारतीय किसान संघ से जुड़े कार्यकर्ता भाग लेंगे। जिले के 100 से अधिक गांवों की बरागाह समितियों के पदाधिकारी भी इसमें सहभागिता करेंगे।
विनोद मेलाना ने बताया कि आयोजन में चारागाह विकास से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ भी उपस्थित रहेंगे। रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने हेतु श्रीरामशांताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. पवन कुमार अपनी टीम के साथ मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा जिला राज्य का तीसरा सबसे बड़ा चारागाह क्षेत्र है, लेकिन ग्रामवासियों की उपेक्षा के चलते इनका संरक्षण व समृद्धि प्रभावित हुई है। भैया जी जोशी के मार्गदर्शन से इस दिशा में कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा मिलेगी।
संरक्षक तिलोकचंद छाबड़ा ने कहा कि अभियान का उद्देश्य गांवों में रोजगार सृजन, पशुधन को समृद्ध करना और पलायन को रोकना है। उन्होंने कहा कि गांवों की समृद्धि आय के संसाधनों की वृद्धि पर निर्भर करती है, इसलिए ग्राम केंद्रित योजना बनाकर काम करना आवश्यक है।
विनोद मेलाना ने उम्मीद जताई कि जोशी जी के नेतृत्व में चारागाह विकास, जल संरक्षण और रसायन मुक्त खेती को नई दिशा और गति मिलेगी।
एफईएस के राजस्थान हेड शांतनुराय सिन्हा ने बताया कि जिले के चारागाहों को विकसित कर जैव विविधता को समृद्ध किया जा सकता है। चारे की विभिन्न किस्मों की बुवाई से पशुधन समृद्धि का आधार मजबूत होता है। चारागाह क्षेत्रों में बनाए गए चैकडेम एवं कन्नूर एनिकट जल एवं मृदा संरक्षण को बढ़ावा देते हैं।
सुविचार अभियान के समन्वयक महेश चन्द्र नवहाल ने बताया कि जिले में चारागाह विकास और रसायन मुक्त खेती को जनचेतना का आधार बनाया जा रहा है, जिससे स्थायी ग्राम विकास को बल मिल सके।
