भीलवाड़ा में स्ट्रीट डॉग नियंत्रण सुस्त: सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी नगर निगम की तैयारी ढीली

भीलवाड़ा में स्ट्रीट डॉग नियंत्रण सुस्त: सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भी नगर निगम की तैयारी ढीली
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भीलवाड़ा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नवंबर 2025 को स्ट्रीट डॉग प्रबंधन को लेकर जारी किए गए अंतरिम निर्देशों के बाद राजस्थान सरकार ने प्रदेशभर में ठोस कार्ययोजना शुरू कर दी है, लेकिन भीलवाड़ा नगर निगम की ओर से अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है। शहर में बढ़ते स्ट्रीट डॉग मामलों, नागरिकों की शिकायतों और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नगर निगम की तैयारी बेहद ढीली नजर आ रही है।

प्रदेश स्तर पर स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने कहा है कि हर कदम पूरी संवेदनशीलता और सावधानी के साथ उठाया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि किसी भी स्ट्रीट डॉग को उठाने से पहले शेल्टर, प्रशिक्षित स्टाफ, पशु चिकित्सक, भोजन और स्वच्छता व्यवस्था का पूरा इंतजाम जरूरी है। राज्य सरकार एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) नियमों के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य, नागरिक सुरक्षा और पशु कल्याण—इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है।

लेकिन भीलवाड़ा में स्थिति अलग है। नगर निगम अब तक न तो आवश्यक शेल्टर तैयार कर पाया है और न ही एबीसी से जुड़ी टीमों की कोई ठोस तैनाती की गई है। शहर के विभिन्न इलाकों—जैसे बस स्टैंड, अस्पताल परिसर, प्रमुख बाजार और कॉलोनियों—में स्ट्रीट डॉग विवाद लगातार सामने आ रहे हैं, जबकि निगम की ओर से केवल कागजी तैयारी का हवाला दिया जा रहा है।

राज्य स्तर पर सभी नगरीय निकायों को खेल परिसरों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, शैक्षणिक संस्थानों, बस स्टैंडों और मुख्य मार्गों की विस्तृत मैपिंग कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रक्रिया उन संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान के लिए है जहाँ डॉग-फ्री ज़ोन बनाए जाना आवश्यक है।

लेकिन भीलवाड़ा नगर निगम की ओर से इन रिपोर्टों की तैयारी में भी सुस्ती दिख रही है। शहरवासियों का कहना है कि कोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद निगम की उदासीनता चिंता का विषय है।

नागरिकों की मांग है कि नगर निगम जल्द से जल्द शेल्टर, एबीसी यूनिट, प्रशिक्षित स्टाफ और मैपिंग कार्य पूरी कर शहर में स्ट्रीट डॉग प्रबंधन की प्रभावी व्यवस्था लागू करे, ताकि नागरिक सुरक्षा और पशु कल्याण—दोनों को संतुलित किया जा सके।

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