जिला कलेक्टर की प्रभावी मॉनिटरिंग से दोनों अभियानों की हुई सफल क्रियान्विति

भीलवाड़ा । राजस्थान सरकार द्वारा आमजन के कल्याण एवं जल संरक्षण के उद्देश्य से चलाए जा रहे दो विशेष अभियानों — "वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान" तथा "पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा" — के तहत जिले में विभिन्न जनोपयोगी कार्य किए जा रहे हैं। इन अभियानों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक राहत और विकास पहुंच रहा है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा की नई मिसालें कायम हो रही हैं।
जल संरक्षण बना जन आंदोलन
5 जून से 20 जून, 2025 तक संचालित वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जिले में जल स्रोतों की सफाई, परंपरागत जल संरचनाओं का पुनरुद्धार, वर्षा जल संचय हेतु गड्ढों का निर्माण तथा हरियालों राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान हेतु तैयारियां की गईं। जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में श्रमदान से हजारों की संख्या में गड्ढे खोदकर वर्षा जल संरक्षण के ठोस प्रयास किए गए। इन कार्यों से वर्षा जल का अधिकतम संग्रहण, भूजल स्तर में वृद्धि और पशुपालन व सिंचाई कार्यों में राहत मिलेगी। जल स्रोतों के पुनर्जीवन से ग्रामीणों को वर्ष भर पेयजल व सिंचाई जल की समस्या से राहत मिलेगी।
अन्त्योदय के संकल्प से अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ
24 जून से 9 जुलाई तक आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में शिविर लगाए गए। इन शिविरों में राजस्व, पंचायतीराज, स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, विद्युत, जलदाय सहित 24 विभागों की 60 से अधिक सेवाएं नागरिकों को प्रदान की गईं। जिले के आसींद की 29, बनेड़ा की 25, बिजौलिया की 21, हुरड़ा की 23, जहाजपुर की 38, करेड़ा की 24, कोटड़ी की 33, मांडल की 25, मांडलगढ़ की 31, रायपुर की 22, सुवाणा की 37, सहाड़ा की 28 तथा शाहपुरा की 39 ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर पर शिविरों का आयोजन हुआ।
पखवाड़े के अंतर्गत पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना में लक्षित परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया गया। इसके साथ ही, वर्षों से लंबित पत्थरगढ़ी और सीमाज्ञान प्रकरणों का निस्तारण किया गया, स्वामित्व पट्टों का वितरण, मृदा नमूनों का संग्रहण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) के तहत लंबित प्रकरणों का निस्तारण तथा नवीन पात्र परिवारों एवं सदस्यों की आधार सीडिंग जैसे कार्य भी प्रभावी रूप से संपादित किए गए।
जन सेवा की प्रेरक कहानियाँ
बनेड़ा की ग्राम पंचायत उपरेड़ा में आयोजित शिविर में नेत्रहीन नारायण लाल ने अपनी समस्याएं बताईं, जिन्हें उपखंड अधिकारी श्री श्रीकांत व्यास के नेतृत्व में तत्परता से 13 योजनाओं से लाभान्वित किया गया। इनमें पुश्तैनी मकान का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, किसान सम्मान निधि, पशुपालन बीमा योजना सहित कई योजनाएं शामिल थीं। इसी प्रकार हमीरगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत दुडिया में आयोजित शिविर में श्री पोखर गाडरी, श्री नारायण गाडरी, श्रीमती नारायणी गाडरी और श्री उदयराम गाडरी को पंचायतीराज विभाग द्वारा आवासीय पट्टे वितरित किए गए। इससे उन्हें भूमि के स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हुआ, जिससे भविष्य में बैंक ऋण व अन्य सरकारी योजनाओं में भागीदारी आसान हुई।
जल और जीवन के संरक्षण का संकल्प
दोनों अभियानों के माध्यम से जिले के गांवों में जल संरक्षण, पर्यावरण जागरूकता और सामाजिक कल्याण की नई शुरुआत हुई है। वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान से जल संकट से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं और अन्त्योदय पखवाड़ा के तहत सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
जिला कलेक्टर द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग, शिविरों की नियमित समीक्षा
दोनों अभियानों में जिला कलेक्टर श्री जसमीत सिंह संधू द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग और नियमित समीक्षा की गई। शिविर प्रभारियों को शिविर में उपस्थित रहकर योजनाओं की समयबद्ध क्रियान्विति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। प्रत्येक विभाग के अधिकारी फील्ड में सक्रिय रहकर आमजन को योजनाओं का लाभ प्रदान कर रहे हैं। सरकार की मंशा अनुरूप दोनों अभियानों की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हुआ है। जल संरक्षण के कार्यों से जहां प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है, वहीं अन्त्योदय पखवाड़ा के शिविरों के माध्यम से आमजन तक योजनाओं की सीधी पहुँच सुनिश्चित हुई है।
आने वाले समय में जिले में इन अभियानों की भावना को जन आंदोलन में बदलकर और अधिक व्यापक स्तर पर कार्य किए जाएंगे ताकि जल संरक्षण व जनकल्याण के कार्य स्थायी रूप से जन जीवन का हिस्सा बनें।