स्वामी अनंत देव ने 'रामधाम' से दिया संगठित समाज का आह्वान

भीलवाड़ा । श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से गीता जयंती के पावन पर्व पर के उपलक्ष में 9 दिवसीय प्रवचनमाला हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में भक्तिमय वातावरण के साथ शुरू हो गई है। यह आयोजन ट्रस्ट के संरक्षक, महामंडलेश्वर स्वामी अनंत देव महाराज के सान्निध्य में, वृंदावन में स्वामी वामदेव के शताब्दी जयंती पर मनाए जा रहे आनंद महोत्सव के क्रम में शुरू हुआ है। प्रवचन के पहले दिन, स्वामी अनंत देव महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं के सामने सनातन धर्म संस्कृति के मूल तत्वों को विस्तार से समझाया, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न— "जाति कर्म से है या जन्म से?" — पर प्रकाश डाला। स्वामी आनंद देव ने स्पष्ट कहा कि सृष्टि की रचना के साथ ही हमारी सनातन धर्म संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ और यह परंपरा अनवरत चल रही है। जाति को चाहे संविधान कर्म से माने या जन्म से, लेकिन धर्म और संस्कृति में 'कर्म' ही कल्याण प्रस्तुत करता है। उन्होंने वर्तमान सामाजिक चुनौतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज को विखंडित करने के प्रयास अधिक हो रहे हैं, जो कि ठीक नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें संगठित होने की आवाज को बुलंद करना चाहिए। स्वामी जी ने सत्य की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भले ही सत्य कड़वा लगता है, लेकिन समय की गवाही नहीं, सत्य की गवाही चाहिए। विरोध में भी जाएं, तो भी सत्य तो सत्य ही है, झूठ में ही कपट छिपा है। उन्होंने सभी से अच्छे संस्कार सीखने और धर्म के नियमों को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की हमें धर्म मार्गदर्शन को चुनने के लिए भागवत को आत्मसात करना होगा। रोज मंदिर जाकर देव, गौ, संस्कार दर्शन करना होगा। इस धार्मिक आयोजन के दौरान, यज्ञशाला में हवन किया गया और भगवान भोलेनाथ का अभिषेक भी किया गया। प्रवचन कार्यक्रम को सफल बनाने में अभिषेक अग्रवाल, राकेश सिंघल, शांतिलाल पोरवाल, कन्हैयालाल मुंदड़ा, वीणा मानसिंहका, नंदू बाई लड्ढा आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
