सदाचार,भक्ति और विवेक की त्रिवेणी का जीवन में बहुत अधिक महत्व
त्रिवेणी। शिव महापुराण कथा महोत्सव का आयोजन आज से शुभारंभ हुआ जिसमें कथावाचक पं विष्णुश्री कृष्णतनय जी महाराज ने कथा के महात्म्य का वर्णन करते हुए त्रिवेणी शब्द का बहुत विस्तृत व्याख्यान देते हुए कहा कि यह तीर्थ स्थल मेवाड़ धरा का हरिद्वार नहीं अपितु प्रयागराज की उपाधि मिलनी चाहिए और उन्होंने कहा कि जहा तीन नदियों का संगम हो वटवृक्ष का समीप्य हो स्वयंभु शिवलिंग का आश्रय हो उस स्थान पर शिवपुराण कथा का आयोजन होना और वहां कथा सुनना राजसूय यज्ञ के बराबर अक्षुण्ण पुण्यदाई होता है। आयोजन में अपार भक्तो का जनसैलाब उमड़ पड़ा और भक्त भावविभोर होकर आनंद ले रहे हैं।
यह आयोजन प्रथम बार ऐतिहासिक रूप से त्रिवेणी में सकल आम चौखला एवं व्यापार मंडल त्रिवेणी बीगोद द्वारा किया जा रहा है जिसमें मुख्य यजमान योगेश सोनी एवं रुद्राक्ष वितरण यजमान नरेंद्र कुमार पारीक रहे।
आयोजन समिति के सदस्य रोशन सुवालका, प्रभुलाल योगी,मुकेश जोशी,योगेश सेन,लोकेश आगाल आदि ने बताया की आयोजन में पधारे समस्त भक्तो के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था समिति द्वारा किया गया है।