गुरू के शब्दो की चोट से निकलती है भक्त की खोट
भीलवाडा माणिक्य नगर स्थित रामद्वारा भीलवाडा में चार्तुमास कथा के अन्तरगत ताल रामद्वारा वाले हरशुकराम जी महाराज ने बताया कि जीवन में तीन ही सगे व अपने है (1) भगवान (2) सद्गुरू (3) संतगण जिनके सहारे से भक्तगण संसार सागर से तर कर मोक्ष को प्राप्त करते है । मोक्ष का सही अर्थ - मोह का क्षय हो जाना है, यह सब सत्संग से होता हैं ।
संत गोरा कुम्हार ने अपनी बहिन मुक्ता बाई से संतों की दीक्षा से पूर्व परीक्षा ली तब उसने सभी सन्तों के सर पर हाथ से ठपकार लगाई तो नामदेव ने क्रोधित होकर कहा सिर पर ठोकना तो सन्तो का अपमान है तब मुक्ता बाई ने कहा कि नामदेव अभी कच्चा घड़ा है फिर नामदेव ने अपना गुरू संत विसोबा को बनाकर दीक्षा पूर्ण की।
मनुष्य जीवन अनमोल है अतः हमें सद्कार्यो से धर्म, राष्ट्र एवं समाज की सेवा के लिए समर्पित करना चाहिये।
भक्ती चाहे कोई भी हो सगुण या निर्गुण सभी के माध्यम से भगवान की आराधना एवं साधना की जानी चाहिये।
प्रवक्ता रमेशचन्द्र राठी ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा स्थानीय रामद्वारा में 15 से 21 अगस्त तक प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जावेगी। सभी भक्तगण परिवार सहित अधिक से अधिक संख्या में पहुँचकर धर्म लाभ लेवें।