राजोला के सरकारी स्कूल का भविष्य संकट में, ग्रामीणों ने तालेबंदी कर किया प्रदर्शन

भीलवाड़ा। सुवाणा पंचायत समिति के राजोला गांव में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय (आठवीं तक संचालित) के लगभग 90 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। स्कूल भवन के जर्जर होने और वैकल्पिक व्यवस्था खत्म होने के बाद अब ग्रामीण प्रदर्शन कर स्कूल पर तालेबंदी करने को मजबूर हो गए हैं।
राजोला का राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लंबे समय से जर्जर भवन में संचालित हो रहा था। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने कुछ समय पहले इस जर्जर भवन को बंद करवा दिया था। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय को करीब चार महीने से एक निजी जगह पर संचालित किया जा रहा था। यह अस्थाई व्यवस्था बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने का एकमात्र सहारा थी।
दुर्भाग्यवश, जिस निजी भवन में स्कूल चल रहा था, उसके मालिक ने अब अपनी जरूरत बताते हुए जगह देने से मना कर दिया है। इसके चलते स्कूल के सामने संचालन का कोई विकल्प नहीं बचा है। शुक्रवार को मजबूरी में ग्रामीणों ने स्कूल की तालेबंदी कर दी और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
ग्रामीणों की एकमात्र मांग है कि जर्जर हो चुके भवन को तुरंत जमींदोज कर उसकी जगह नया और सुरक्षित भवन बनाया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई बिना किसी बाधा के शुरू हो सके। ग्रामीणों का कहना है कि वे चार महीने तक जैसे-तैसे बच्चों को निजी जगह पर पढ़ा रहे थे, लेकिन अब वह भी बंद हो गया। सरकार एक तरफ कहती है, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, और दूसरी तरफ हमारे बच्चों को पढ़ने के लिए एक सुरक्षित छत तक नहीं मिल पा रही है। वे प्रशासन से मांग करते हैं कि तत्काल जर्जर भवन को तोड़कर नया भवन निर्माण शुरू करे या कम से कम तब तक के लिए कोई स्थाई और सुरक्षित वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराए।
