मांडल में कचरे का अड्डा बना मौत का जाल, ग्रामीणों का फूटा आक्रोश

मांडल में कचरे का अड्डा बना मौत का जाल, ग्रामीणों का फूटा आक्रोश
X

भीलवाड़ा। जिले के मांडल क्षेत्र में गंगा का खेड़ा चौराहे के पास बने डंपिंग यार्ड को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा सड़कों पर नजर आया। खुले में पड़े कचरे के कारण आवारा मवेशियों की लगातार हो रही मौतों से आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर प्रशासन का ध्यान खींचा। अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर समाधान का भरोसा देने के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

ग्रामीणों का कहना है कि डंपिंग यार्ड के चारों ओर पक्की चारदीवारी नहीं होने से कचरा दूर-दूर तक फैल जाता है। प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट को खाकर मवेशी बीमार पड़ रहे हैं और उनकी जान जा रही है। इसके साथ ही दुर्गंध, संक्रमण फैलने का खतरा और सड़क किनारे फैली गंदगी के कारण आमजन की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है।

यह समस्या कोई नई नहीं है। ग्रामीणों के अनुसार कई वर्षों से डंपिंग यार्ड की अव्यवस्था बनी हुई है। पूर्व में इस संबंध में तत्कालीन एसडीएम छोटू लाल शर्मा को भी शिकायत दी गई थी, जिन्होंने चारदीवारी निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से लोगों का भरोसा टूट गया।

ग्रामीणों के प्रदर्शन की चेतावनी के बाद पुलिस टीम, नायब तहसीलदार और मांडल बीडीओ गुलाब सिंह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत कर समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया।

बीडीओ गुलाब सिंह ने बताया कि डंपिंग यार्ड की पक्की चारदीवारी का कार्य चार दिनों के भीतर शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अस्थायी रूप से ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे मवेशियों का यार्ड में प्रवेश रोका जा सके। नायब तहसीलदार ने भी संबंधित विभागों को तुरंत आवश्यक निर्देश दिए।

अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हो गए, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि यदि तय समय सीमा में काम शुरू नहीं हुआ तो वे फिर से सामूहिक आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से कचरे के सुरक्षित निपटारे और नियमित सफाई व्यवस्था लागू करने की मांग भी दोहराई है।

Tags

Next Story