भीलवाड़ा में आज गवरी का आयोजन जारी, भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
भीलवाड़ा (सम्पत माली)। नवरात्रि के पावन अवसर पर शहर में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की धूम मची हुई है। इसी कड़ी में आज संजय कॉलोनी स्थित खेड़ाखूंट माताजी सेवा समिति द्वारा पारंपरिक गवरी का आयोजन जारी है। यह आयोजन बुधवार सुबह 9 बजे से शुरू हुआ जो सायं 5 बजे तक चलेेेगा। गवरी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक उपस्थित मौजूद है, जिनमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष उत्साह देखने को मिला।
इस बार की गवरी को खास बनाने के लिए आयोजकों ने नारायणपुरा के प्रसिद्ध लोक कलाकारों को आमंत्रित किया है। इन कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ न केवल धार्मिक प्रसंगों का मंचन किया जा रहा है बल्कि उपस्थित लोगों को आध्यात्मिक अनुभूति भी कराई जा रही है। गवरी में विशेष रूप से "राजा का खेल", ''हटिया का खेल'', राजा-रानी और वरजू कांजरी का खेल, "मीणा-बंजारा की लड़ाई" और "शिव-पार्वती की कथाएं" प्रस्तुत होगी, जिनमें देवताओं और दानवों के बीच संघर्ष को नाट्य रूप में दर्शाया जाएगा।
लोक नाट्य गवरी राजस्थान की पारंपरिक धरोहरों में से एक मानी जाती है। यह मुख्यतः आदिवासी और ग्रामीण अंचलों में नवरात्रि के दौरान खेली जाती है। इसमें पौराणिक कथाओं को गीत, नृत्य और संवाद के माध्यम से जीवंत किया जाता है। बुधवार को आयोजित गवरी में भी इसी परंपरा का पालन करते हुए शिव और पार्वती के पावन चरित्रों को मंच पर उतारा गया। कलाकारों ने पार्वती के तप, शिव के तांडव और राक्षसों से हुए संग्राम को भावपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर समिति के सदस्यों ने बताया कि गवरी का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना भी है। आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु पहुंचे। समिति ने सभी आगंतुकों के लिए प्रसाद और जलपान की व्यवस्था भी की थी, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
