संजय कॉलोनी से लापता बालिका परिचित के घर मिली 20 घंटे बाद, पूरी रात SP यादव ने रखी मामले पर नजर दिए कड़े निर्देश

भीलवाड़ा हलचल संजय कॉलोनी से शुक्रवार दिन में लापता हुई 10 साल की बालिका अपने पहचान वाले चाचा के घर सुरक्षित तो मिल गई लेकिन करीब 8 किलोमीटर दूर पैदल चलकर वहां तक कैसे पहुंची! जबकि पूरी रात पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में आला अधिकारी भी उसे तलाशते रहे सैकड़ो कैमरे कंगाल गए तब जाकर वह आज सुबह पुलिस के हाथ लग पाई। जब बेटी सुरक्षित मिली तो पिता की रुलाई फूट पड़ीऔर पुलिस ने राहत की सास ली।
शहर की संजय कॉलोनी में रहने वाले कृष्ण गोपाल सोनी की 12 साल की पुत्री खुशबू शुक्रवार दोपहर 3 बजे घर से दूध लेने गई थी लेकिन फिर लोटकर नहीं आई । परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की तो कॉलोनी में ही बालाजी के मंदिर पास देखे जाने की बात सामने आई। परिवार ने सुभाषनगर थाना पुलिस को बेटी के लापता होने की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में पूरी रात पुलिस और परिजन जुटे रहे ।देर रात ढाई बजे एसपी यादव ने तलाश को तेज कराते हुए कड़े निर्देश दिए कि लड़की शी सलामत मिलनी चाहिए जो भी करना पड़े ।पूरी रात शहर सहित अलग थानों क्षेत्रों में पुलिस टीमो ने नाकाबंदी और पूछताछ की लेकिन बालिका का कोई पता नहीं लगा।
शनिवार सुबह करीब 10 बजे बालिका आवरी माता मंदिर के निकट एक परिचित व्यक्ति विष्णु शर्मा के घर सुरक्षित मिल गई। बच्ची अपने चाचा के दोस्त शर्मा के घर कल रात 8 बजे पहुंच गई थी। उसने बताया कि अंकल उसे यहां छोड़ गए सुबह ले जायेगे ।, सुभाष नगर थाना पुलिस बच्ची के पिता और चाचा के दोस्त को सुभाष थाने लेकर पहुंची है।
बच्ची के लापता होने की सूचना शुक्रवार शाम सुभाषनगर पुलिस और सीआई शिवराज गुर्जर को मिली। पुलिस अलर्ट हो गई। शहर में विभिन्न क्षेत्रों में नाकाबंदी करवाई गई। सीआई गुर्जर के साथ ही डिप्टी सदर श्याम सुन्दर, डिप्टी सिटी मनीष बड़गुर्जर बच्ची के मकान ओर उसके आस पास के क्षेत्र में पहुंचे। लोगों से पूछताछ की। बच्ची के घर से दूध डेयरी तक का मौका मुआयना किया।
बालिका की तलाश में शहर कोतवाल गजेन्द्रसिंह नरुका, प्रतापनगर सीआई सुरजीत कुमार और अन्य थानों से जाप्ता में जुट गया। विभिन्न भी तलाश में चौराहों, होटलों-ढाबों साथ ही जरायमपेशा लोगों से भी पूछताछ जुटा रहा।
पुलिस ने विभिन्न रास्तों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो बालिका संजय कॉलोनी से श्री गेस्ट हाउस चौराहा होते हुए जिला जेल के सामने से कलेक्ट्रेट की ओर पैदल ही जाती दिखी । बताया गया कि बालिका के पास 5 हजार रुपए राशि भी थी जो वे घर से दूध लेने के दौरान अपने साथ ले गई ।
आज सुबह जब बालिका मिली तो पुलिस ने चाचा के परिचित व्यक्ति से पूछताछ की तो उसने बताया कि कल रात लापता हुई बालिका उसके घर के बाहर बैठी हुई थी जानकारी होने से उसने खाना खिलाया और रात को वही रख लिया उसे लापता होने की जानकारी नहीं थी। क्योंकि बालिका ने उससे कहा कि अंकल छोड़कर गए हैं जो उसके परिचित है।
उधर जब बालिका सुरक्षित मिल गई तो पिता की आंख से रुलाई फूट बड़ी और वह बालिका को गले लगा कर रोने लगा।
बालिका के सुरक्षित मिल जाने के बाद परिजनों और पुलिस ने राहत की सांस तो ली लेकिन एक जज्बा देर रात यह देखने को मिला की पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र वर्मा लापता हुई बालिका को लेकर काफी चिंतित नजर आये और उन्होंने पूरी रात इस मामले पर नजर बनाए रखी।